रुरुगंज।
प्रदेश सरकार प्राथमिक विद्यालयों की व्यवस्था सुधारे जाने के लिए प्रयास कर रही है। सरकारी स्कूलों में दाखिलें बढ़ें इसके लिए सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च करती हैं, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। लेकिन बिधूना विकासखंड क्षेत्र के कस्बा रुरुगंज के प्राथमिक द्वितीय विद्यालय में तैनात शिक्षक ही सर्वशिक्षा अभियान को पलीता लगा रहे हैं। बिधूना विकासखंड के कस्बा रुरुगंज में स्थित प्राथमिक द्वितीय विद्यालय में शिक्षकों की मनमानी के चलते बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। बिधूना के कस्बा रुरुगंज प्राथमिक द्वितीय विद्यालय में प्रधानाध्यापिका, सहायक अध्यापक, व अनुदेशक समेत कुल 4 लोगों का स्टाफ है और यहां 74 बच्चे पंजीकृत भी हैं। लेकिन स्कूल खुलने का कोई टाइम नहीं है। कस्बा रुरुगंज के लोगों का कहना है मास्टरों का जब मन होता है स्कूल आते हैं। कस्बा रुरुगंज निवासी के एक युवक ने विद्यालय की फोटो खींच के वायरल कर दी। वायरल फोटो में विद्यालय गेट के सामने बच्चे खड़े हुए दिख रहे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्यालय सवा आठ बजे स्कूल में ताला अटका था। विद्यालय गेट के बाहर बच्चे स्कूल का बस्था पीठ पर टांगे खड़े थे, जो शिक्षकों का इंतजार कर रहे थे।
ये थे निर्देश
सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी किए आदेशों के अनुसार परिषदीय स्कूलों का समय बदल दिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव ने आदेश के मुताबिक शिक्षकों को शैक्षणिक अवधि से 15 मिनट पूर्व यानी 7: 45 बजे तक स्कूल पहुंचना था। इसके बाद 8 से 8:15 तक प्रार्थना,10.30 बजे से 11 बजे तक मध्यवकाश होगा। दो बजे स्कूल बंद करने के आधे घंटे बाद घर जाने के निर्देश थे। लेकिन इये आदेश हवा-हवाई साबित हो रहे है।
खंड शिक्षा अधिकारी बिधूना
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