Top News

कोविड प्रोटोकॉल के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर पहुंचा रही पुष्टाहार

कोविड प्रोटोकॉल के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर पहुंचा रही पुष्टाहार
 आंगनवाड़ी गृह भ्रमण कर धात्री व गर्भवती को पोषण और कोरोना से बचाव के लिए कर रही हैं जागरूक
नवजात, कुपोषित बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं और छह माह के बच्चों पर विशेष ध्यान
उत्तरप्रदेश न्यूज़ 21 संवाददाता औरैया इटावा,21जनवरी 2022  । 
कोविड संक्रमण बढ़ने के कारण आंगनबाड़ी केन्द्र बंद हैं। इस वजह से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका और अहम हो गई है। नवजात, कुपोषित बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं और छह माह के बच्चों पर विशेष ध्यान देते हुए सरकार द्वारा नए निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके मुताबिक गृह भ्रमण के दौरान अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पांच कार्यों पर प्राथमिकता से ध्यान देंगी। इसमें नवजात, कुपोषित व सैम एवं मैम बच्चों, पहले त्रैमास की गर्भवती व धात्री महिलाओं और छह माह के बच्चों को चिन्हित कर उन्हें योजनाओं का लाभ देना शामिल है।यह कहना है बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रशांत कुमार का। 
उन्होंने बताया आंगनबाड़ी द्वारा पौष्टिक आहार की महत्वता बताते हुए पुष्टाहार को प्रयोग करने के लिए कई आहार विधियां भी बता रही है। जिससे प्राप्त पुष्टाहार से पौष्टिक आहार तो मिलता ही है साथ में आहार विधियों के द्वारा उन्हें और स्वादिष्ट बनाया जा सके। पहले त्रैमास की गर्भवती को गर्भावस्था में शीघ्र पंजीकरण, गर्भावस्था व धात्री महिला की अवस्था में उचित खानपान जैसे नींबू, संतरा, गाजर, ज्वार, बाजरा और दूध आदि के सेवन की सलाह देंगी। उन्हें अनुपूरक आहार से पौष्टिक भोजन बनाने की विधि बताई जाएगी। उन्हें यह भी बताया जाएगा कि कम से कम 180 आयरन की गोली और 360 कैल्शियम की गोली लेनी है। छह माह की उम्र पूरी कर चुके बच्चों के अभिभावकों को पूरक आहार का महत्व बताया जाएगा और पोषाहार से पौष्टिक भोजन बनाने की विधि भी बतायी जाएगी। जिससे कोरोना काल में भी नवजात, कुपोषित बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं और छह माह के बच्चों स्वस्थ रखा जा सके।
डीपीओ ने बताया नवजात शिशु को की देखरेख व धात्री महिलाओं के समय अनुसार टीकाकरण व जांच के संदर्भ में भी जानकारी दी जा रही है। उनका कहना है कि नवजात शिशु, अतिकुपोषित व कुपोषित बच्चे (सैम/मैम) कि स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी ध्यान भी रखा जा रहा है। कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर  निशुल्क चिकित्सा परामर्श के संदर्भ में भी जानकारी दी जा रही है | जिन घरों में अति कुपोषित, सैम, मैम (अति गंभीर कुपोषित व मध्यम गंभीर कुपोषित)  बच्चे हैं वहां गृह आधारित देखभाल, वृद्धि निगरानी और आवश्यकतानुसार संदर्भन की सेवा देनी है। ऐसे स्थानों पर अनुपूरक पोषाहार के समुचित प्रयोग और उससे पौष्टिक व्यंजन बनाने की विधि बतानी है ।
• मास्क का प्रयोग करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर कर निम्न बातों का धयान रखे |
• पुष्टाहार वितरण के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/ सहायिका सही से मास्क पहनने के तरीके बताएं ,  जिससे संक्रमण से बचाव हो सके।
• गर्भवती धात्री महिलाओं अथवा बच्चों में या परिवार के किसी अन्य सदस्य में  कोविड-19  के लक्षण दिखने पर तुरंत  विभाग को जानकारी दें।
• एक-दूसरे से दो गज की दूरी बनाये रखें |
• खांसते-छींकते समय रूमाल या टीश्यू पेपर का इस्तेमाल करें।
• यदि बच्चे ने छह  माह पूर्ण कर लिया हो तो एक दो चम्मच से शुरुआत करते हुए आहार की मात्रा बढ़ाएं।साथ ही स्तनपान जारी रखें।

Post a Comment

If You have any doubts, Please let me know

और नया पुराने