मिशन शक्ति जिले के लिए मिसाल हैं सांसद गीता शाक्य
इटावा।।मिशन शक्ति के तीसरे चरण में जनपद की महिलाओं के लिए राज्यसभा सांसद गीता शाक्य का नाम एक मिसाल हैI एक सामान्य परिवार में जन्मी महिला से सांसद बनने का सफर मिशन शक्ति का एक उदाहरण है जो जनपद की सभी महिलाओं को कहीं ना कहीं प्रेरित करता है।अपने इस सफर के बारे में सांसद गीता शाक्य ने बताया ग्राम हमीरपुर, बिधूना में उनका जन्म हुआ और प्रारंभिक शिक्षा भी वहीं हुई। वह बताती हैं उस समय लड़कियों को पढ़ाना महत्वपूर्ण नहीं था लेकिन उनके पिताजी ने फिर भी उनको स्कूल भेजा, और आज वह जहां भी है उसका सारा श्रेय अपने पिताजी व पति को देती हैं। इंटर पास करते ही उनका विवाह ग्राम सिहुँआ, तहसील भरथना (इटावा) के निवासी मुकुट सिंह से हो गया, लेकिन नारी शिक्षा के प्रति समाज में जागरूकता लाना उनका उद्देश्य बन गया। विवाह के बाद अपनी ससुराल में उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। पति की प्रेरणा से सन् 2000 में प्रधानी का चुनाव लड़ा और युवा ग्राम प्रधान के रूप में चुनी गई। इस बीच शिक्षण कार्य निरंतर चलता रहा एम.ए. की परीक्षा पास की धीरे-धीरे राजनीतिक कार्यों भी से जुड़ी और पुन्:2005 में प्रधान चुनी गई।उन्होंने एक बहुत ही रोचक बात बताई जब मैं ग्राम प्रधान बनी और इटावा मीटिंग के लिए आती थी तो मैं सभागार में महिला प्रधानों के प्रतिनिधियों को देखती थी केवल महिला प्रधान के रूप में मैं ही मौजूद रहती थी तब मैंने सोचा महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कुछ करना होगा। गांव में धीरे धीरे स्त्री शिक्षा के लिए लोगों को जागरूक किया साथ ही जिला उद्योग केंद्र , कृषि विभाग, उद्यान विभाग इटावा से संपर्क स्थापित कर महिलाओं को लघु व कुटीर उद्योग से संबंधित कार्यशालाओं का आयोजन करवाया। जिससे कुछ ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार मिला। सांसद गीता शक्य ने कहा, महिलाओं से कहना चाहती हूं नारीत्व गुणों को सहजते हुए सरलता, स्वाभाविकता के साथ अपने आत्मविश्वास को कम नहीं आंकना चाहिए, हमेशा अपने-अपने क्षेत्रों में आगे बढ़ना चाहिए। जनपद में किसी भी महिला को मुझसे किसी भी प्रकार की सहायता लेनी हो तो वह मेरे निज आवास पर आकर मिल सकती है। मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और समाज में सम्मान पूर्वक स्थिति दिलाना यही मेरे जीवन का उद्देश्य है।
सलेमपुर ग्राम तहसील बिधूना की महिला किसान सुमन ने बताया गीता जी की सहायता से हमारी बंजर भूमि को विश्व बैंक से सहायता मिली जिससे भूमि उपजाऊ बनी और कृषि उत्पादों से अचार, जैम, मुरब्बा बनाने का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिलवाया गयाI मैं आज अपनी जैसी कई महिलाओं को रोजगार दे पा रही हूं।
महिलाओ को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए दोनों क्षेत्रों में काम करते हुए क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह में कई महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया साथ ही उनके लिए नए-नए रोजगार के अवसर तलाशना और नई तकनीक से जोड़ने के कार्य के कारण वर्तमान सरकार द्वारा इटावा जनपद के लिए लगभग 56 साल बाद महिला राज्यसभा सांसद के रूप में चुना गया। यह सफर गीता जी के कार्यों को परिभाषित करता है और मिशन शक्ति के लिए जनपद की महिलाओं को प्रेरणा देता है।
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