औरैया दस्यु भी करते थे इस माई की पूजा और मंदिर में चढ़ाते थे घण्टे
स्थान औरैया
रिपोर्ट -: बल्लू शर्मा
मां मंगला काली का मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना बताया जाता है।माँ मंगला काली का यह प्रसिद्ध मंदिर औरैया के बीहड में बसा हुआ है ,
कभी यहां यहां पर दस्युओं के द्वारा भी पूजा अर्चना की जाती थी उस समय दस्युओं के कारण कोई भी भक्त अपहरण या किसी अन्य वारदात होने की वजह से डर से इस मंदिर की तरफ नही आते थे ,इस मंदिर की प्रमुख रूप से पहचान यमुना जी के किनारे बीहड से भव्यता दर्शाती है।
वही बात अगर कोविड की की जाए तो कोविड की बजह से भीड़ पहले की अपेक्षा काफी कम आ रही है।सबसे बड़ी बात कोविड के नियमों का पालन भी हो रहा जो भी श्रध्दहलु आता जाता मां के दर्शन करके अपनी मनोकामना मांग कर चले जाते।बराबर भक्तों का आना लगा हुआ है।
औरैया जनपद के सदर तहसील औरैया के यमुना के किनारे बीहड़ के बीच स्थिति महामंगलाकाली मंदिर पर नवरात्रि के पावन पर्व पर भक्तों की पूजा अर्चना शुरू हो गयी है।मंदिर परिसर में और जाने वाले रास्तों पर कर्मचारियों ने साफ सफाई कर दी है।बीहड़ क्षेत्र में स्थिति प्रसिद्ध महामंगलकाली मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख मंदिरों में एक है।यहाँ लोग बड़ी श्रद्धा के भाव से मंदिर में पूजा अर्चना करते है।मंदिर कई वर्ष पुराना है और यहाँ आने वाले भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है।बीहड़ में होने के कारण यह मंदिर पहले डाकूओ के भी आस्था का केंद्र रहा है लेकिन अब डाकूओं के सफाये के बाद लोग खुले मन से पूजा अर्चना करते है।मंदिर परिसर में रंगाई पुताई का कार्य पूरा हो गया है।प्रथम दिन से ही विशेष हवन पूजन का कार्य चालू हो कर पूरे नौ दिन विशेष आयोजन चलता रहेगा।मंदिर में माता मंगलाकाली मंदिर की सजावट कर ली गयी है।
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