तालाबों पर अवैध कब्जे होने से गांवों में जलभराव के बने हालात

*तालाबों पर अवैध कब्जे होने से गांवों में जलभराव के बने हालात* 

*बिधूना,औरैया।*  तहसील क्षेत्र के अधिकांश गांवों में सरकारी तालाबों पर दबंगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर मकान बनाए जाने के साथ खेती किए जाने से तालाबों का अस्तित्व सा मिट गया है। तालाबों पर हुए अवैध कब्जों के कारण जल निकास के अभाव में गांवों में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है। शिकायतों के बावजूद राजस्व विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए है, जिससे समस्या से आजिज लोगों में भारी आक्रोश है।
वर्षा जल संरक्षण के अभाव में तेजी से गिर रहे भूगर्भ जलस्तर से चिंतित सरकारों द्वारा भूगर्भ जलस्तर बढ़ाने की मंशा से भले ही तालाबों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने और नए तालाब खुदवा कर तालाबों का सौंदर्यीकरण कराने के सख्त निर्देश दिए गए हैं किंतु इसके बावजूद बिधूना तहसील क्षेत्र के बिकूपुर, मोर्चा , कटरा नकी, पुसौली, पिपरी, रठगांव,  भटौली, जागूपुर, मऊ , भाईपुर , पुर्वा कमलसिह , भदस्या , पूर्वादला , भिखरा , रुपपुर , हमीरपुर , रावतपुर , खरगपुर , पुर्वा बड़े , असजना , कल्यानपुर जागू , जागूपुर ,  पूर्वा मके , बमरौलिया , गपचरियापुर , कैथावा , उसरहा , अलीपुर , पलिया , विमटामऊ , चंदरपुर  आदि गांवों समेत अधिकांश गांवों में ज्यादातर सार्वजनिक तालाबों पर दबंगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा करके या तो मकान बना लिए गए हैं , या फिर तालाबों को समतल कर उस पर खेती कर रहे हैं। ऐसे में गांवों के तालाबों का अस्तित्व मिटने से जल निकास के अभाव में गांवों में जलभराव के हालात बने नजर आ रहे हैं। मामूली सी बारिश में गांवों की गलियां जलमग्न हो जाती हैं, और लोगों के घरों में भी पानी घुसने लगता है। सार्वजनिक तालाबों पर अवैध कब्जे हटवाने को लेकर शासन द्वारा कई माह पूर्व  राजस्व विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए किंतु आज तक समस्या जस की तस बनी नजर आ रही है। क्षेत्रीय बुद्धिजीवियों ने मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजकर जल्द सरकारी तालाबों पर हुए अवैध कब्जे हटाए जाने की मांग करते हुए अवैध कब्जे ना हटने न हटने पर इसके खिलाफ निर्णायक आंदोलन शुरू करने की भी चेतावनी दी है।

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