उत्तर प्रदेश न्यूज21संवाददाता
औरैया:गत दिनों सदर तहसील में मौजा खानपुर के एक लेखपाल पर पीड़ित द्वारा गलत कार्रवाई किए जाने के तहत चार लोगों मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसकी जानकारी जैसे ही लेखपालों को हुई तो उनमें रोष व्याप्त हो गया और उन्होंने मंगलवार को तहसील में होने वाली मीटिंग का बहिष्कार करते हुए एफआईआर को वापस लिए जाने की मांग की है। वहीं लेखपालों ने सीओ से मिलकर भी मामले को खत्म कराए जाने का मामला उठाया है।बताते चलें कस्बा खानपुर निवासी एक व्यक्ति द्वारा सदर तहसील के लेखपाल पतंजलि दुबे सहित चार लोगों के खिलाफ फर्जी बैनामा किए जाने का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में गलत तरीके से जमीन की नाप जोख करते हुए और रिश्वत लेने का भी मामला दर्ज किया गया है। जानकारी होने पर सदर तहसील के लेखपाल लामबंद हो गए और उन्होंने मंगलवार को आयोजित सदर एसडीएम की अध्यक्षता में होने वाली बैठक का बहिष्कार कर दिया। उन्होंने कहा जब तक उनके साथी पर दर्ज रिपोर्ट वापस नहीं ली जाती तब तक वह लोग कार्य नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मीटिंग बहिष्कार के बाद वह लोग आगे की रणनीति बनाये जाने के लिये जिला स्तरीय बैठक करेंगे। इसके उपरांत कोई भी निर्णय लिया जाएगा।इस संबंध में ब्लॉक अध्यक्ष लेखपाल संघ अगम तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को उन्होंने मीटिंग का बहिष्कार किया है। बताया कि उनके साथी पर राजनीति के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने लोकपाल की मर्यादा तोड़ी है इसमें पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत होती है। उन्होंने कहा जब मुकदमा दर्ज करना ही था तो इसकी जानकारी तहसील के अधिकारी को दी जानी चाहिए थी। मगर पुलिस द्वारा ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि उन्होंने सीओ सदर सुरेंद्र नाथ यादव से मुलाकात करते हुए रिपोर्ट समाप्त कराए जाने की मांग की। बताया यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह आगामी बैठक करते हुए रणनीति बनाकर कार्य करेंगे।इस संबंध में एसडीएम सदर रमेश चंद्र यादव ने बताया मंगलवार को लेखपालों की बैठक होनी थी। मगर लेखपालों की दो तीन मांगे थी। जिनका निस्तारण कराए जाने की बात कही थी। मगर वह लोग कार्य बहिष्कार पर आमादा हो गए और उन्होंने मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने कहा यदि शासकीय कार्य प्रभावित होता है तो संबंधित पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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