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यौन संक्रमण को न करिए नजर अंदाज

उत्तर प्रदेश न्यूज21संवाददाता
कानपुर:किशोरावस्था में किशोर किशोरियों के शरीर में शारीरिक परिवर्तन के साथ कुछ ऐसी समस्याओं का भी ईजाद होता है, जिससे सही जानकारी और जागरूकता के साथ उबरा जा सकता है। इसमें से एक है प्रजनन मार्ग (आरटीआई) एवं यौन संचारी (एसटीआई) संबंधी संक्रमण। जनपद में स्थापित साथिया क्लीनिक के काउन्सलर के अनुसार बहुत से किशोर किशोरी क्लीनिक पर इस समस्या के साथ आते है। हालांकि उनको यह पता नहीं होता कि यह समस्या क्या है।यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर आज भी खुलकर बात न होने की वजह से प्रतिवर्ष लाखों महिलाएं यौन संक्रमण से पीड़ित हो रही हैं। जबकि यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर खुलकर बात हो इसलिए *प्रतिवर्ष 12 फरवरी को ‘यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता दिवस’ मनाया जाता है।
साथिया क्लीनिक पर आ रहे प्रजनन मार्ग एवं यौन संचारी संक्रमण संबंधी किशोर-किशोरी
किशोर साथिया क्लीनिक के काउंसलर अवधेश  बताते है कि वर्ष 2020 में जनवरी, फरवरी, मार्च में क्रमशः 38, 25, 19 किशोर आरटीआई/एसटीआई संबंधी समस्या के आए। वही कोविड में कार्यरत रहने के कारण जनवरी 2021 में फिर से क्लीनिक शुरू हुआ है, जहां 41 किशोर इस समस्या को लेकर आए। वहीं कोविड के पहले हर माह करीब 60-70 किशोरियाँ आरटीआई/एसटीआई संबंधी समस्या को लेकर क्लीनिक पर आती थी, कोविड के बाद से 25-30 लड़कियां ही आ रही हैं। 
काउन्सलर बताते हैं कि आरटीआई/एसटीआई संबंधी समस्या का मुख्य कारण साफ़ सफाई, असुरक्षित यौन संबंध और जागरूकता की कमी है। जैसे लड़कियां अक्सर महावारी के समय गन्दा कपडा इस्तेमाल करती हैं और उचित सफाई भी नहीं रखती हैं। जिस कारण वह प्रजनन मार्ग संक्रमण जैसी समस्या से गुजरती है। वहीं किशोरों में भी साफ़ सफाई और असुरक्षित यौन संबंध के कारण ये समस्या होती है।
प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य पर खुलकर बात करने की है आवश्यकता
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के मैनेजर अजीत बताते है कि अक्सर किशोर और किशोरियां प्रजनन एवं यौन संबधी समस्याओं पर खुलकर बात नहीं कर पाते है इसका मुख्य कारण उनका शर्म महसूस करना या निजी जानकारी किसी को बता देने का भय होता है। जबकि हमें ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है कि इस विषय पर खुलकर बात हो सके। प्रदेश में वर्ष 2015-16 और वर्ष 2018-19 में उद्या के द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात स्पष्ट हुई कि लड़के और लड़कियों दोनों के प्रजनन और यौन स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। 
क्या होता है आरटीआई/एसटीआई
आरटीआई प्रजनन मार्ग में होने वाले सभी संक्रमण को कहते है। यह संक्रमित महिला के योनि, प्रजनन नली, सर्विक्स, गर्भाशय नलियाँ तथा अंडाशय को प्रभावित कर सकता है। गर्भाशय तथा नालियों का संक्रमण पीआईडी कहलाता है और पीआईडी के कारण बांझपन भी हो सकता है।एसटीआई मुख्यतः यौन संपर्क द्वारा एक से दूसरे में फैलने वाला संक्रमण होता है। कुछ एसटीआई संक्रमित रक्त चढ़ाने के कारण तथा माँ से अजन्में बच्चे में फैल सकता है।
इन समस्याओं को न करें नजरंदाज

जनन अंगों पर फोड़े होना 
मूत्र करते समय जलन होना 
पेट तथा जांघों के बीच के भाग में सूजन आना और खुजली होना 
योनी या लिंग से श्राव या खुजली 
अंडकोष में दर्दभरी सूजन 
मासिक श्राव में परिवर्तन 
परामर्श के लिए यहाँ कर सकते है संपर्क
परामर्श के लिए किशोर किशोरियाँ जनपद के जिला पुरुष अस्पताल, उर्सला के कमरा नंबर 107 में संचालित साथिया क्लीनिक के काउन्सलर अवधेश सिंह से मिल सकते है।

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