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शिक्षकों का वेतन रोके जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा

शिक्षकों का वेतन रोके जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा

औरैया। जिला बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जिले के करीब दो सौ शिक्षकों को नौ माह से वेतन न दिए जाने का विवाद उच्च न्यायालय पहुंच गया है। याचिकाकर्ता आनंद त्रिपाठी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याची को तत्काल वेतन अवमुक्त करने व बेसिक शिक्षा अधिकारी को चार हफ्ते में काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई सात सिंतबर को तय की गई है।
गौरतलब है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दिव्यांग प्रमाण पत्र धारक जिले के करीब दौ सौ शिक्षकों का वेतन करीब 27 नवंबर 2019 के आदेश के द्वारा रोक दिया गया था। इन शिक्षकों में वह शिक्षक भी आ गए जिन्होंने दिव्यांग प्रमाण पत्र का कोई आर्थिक लाभ नहीं लिया। ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति व पदोन्नति मेरिट पर हुई। दिव्यांग प्रमाण पत्र से आर्थिक लाभ न लेने वाले शिक्षक नौ माह से वेतन के लिए तरस रहे हैं। इसी प्रकरण को लेकर एक शिक्षक आनंद कुमार त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति मुनीर के समक्ष याची के अधिवक्ता केडी अवस्थी ने दलील दी कि चिकित्सा विभाग द्वारा जारी दिव्यांग प्रमाण पत्र का उनके याची शिक्षक ने कोई आर्थिक
लाभ विभाग से नहीं लिया है। यहां तक उनकी नियुक्ति मृतक आश्रित नियमावली के तहत हुई तथा हेडमास्टर पद पर पदोन्नति के समय उनके पास दिव्यांग प्रमाण पत्र भी नहीं था। हाईकोर्ट के अधिवक्ता केडी अवस्थी के अनुसार न्यायमूर्ति ने बगैर सेवामुक्त या निलंबन के शिक्षकों का इस तरह वेतन रोके जाने पर हैरानी व्यक्त की। याची शिक्षक आनंद कुमार त्रिपाठी को तत्काल चालू वेतन व अन्य हेडमास्टर/शिक्षकों को मिलने वाली धनराशि का भुगतान करने का आदेश दिया। साथ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को चार सप्ताह के अंदर काउंटर एफिडेविट दाखिल कर अगली सुनवाई की तिथि सात सितंबर तय की है। वरिष्ठ अधिवक्ता महावीर शर्मा ने बताया कि प्रभावित कई शिक्षकों ने भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में और याचिका भी दायर कर रखी है

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