प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई शिक्षा नीति पर एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के लोगों को संबोधित किया. इस संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत की फाउंडेशन तैयार कर सकती है.उन्होंने कहा, "पिछले काफी सालों से हमारी शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव नहीं हुए थे. इसका परिणाम यह हुआ कि हमारे समाज में जिज्ञासा और कल्पना की वैल्यू को प्रमोट करने की जगह भेड़ चाल को प्रोत्साहन मिलने लगा था."पीएम ने कहा, "हर देश, अपनी शिक्षा व्यवस्था को राष्ट्रीय मूल्य के साथ जोड़ते हुए अपने राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुसार सुधार करते हुए चलता है. इसका मकसद यह है कि देश की शिक्षा व्यवस्था, अपनी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को भविष्य के लिए तैयार रखे, उसका भविष्य तैयार करे. भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भी यही सोच है.",पीएम मोदी ने कहा, "जितनी ज्यादा जानकारी स्पष्ट होगी फिर उतना ही आसान इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना भी होगा. 3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श के बाद लाखों सुझावों पर लंबे मंथन के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वीकृत किया गया हैपीएम मोदी ने कहा कि अलग-अलग क्षेत्र के लोग, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग नई शिक्षा नीति पर अपने व्यूज दे रहे हैं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रिव्यू कर रहे हैं. यह एक हेल्दी डिबेट है, ये जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा,पीएम ने कहा, "देश के लोग सालों से चले आ रहे शिक्षा व्यवस्था में बदलाव चाहते थे, नई शिक्षा नीति में यह सब शामिल है. कुछ लोगों के मन में सवाल है कि इतने बड़े रिफॉर्म को जमीन पर कैसे उतारा जाएगा? इसमें पूरे देश की भूमिका अहम रहेगी. जहां तक पॉलिटिकल विल की जरूरत है, मैं पूरी तरह आपके साथ हूं."।
नई शिक्षा नीति लागू करना बहुत ही सुलभ-प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी
अनुराग सिंह (संपादक)
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अंतराष्ट्रीय

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