गौरव सिंह तेवतिया जोया उत्तर प्रदेश न्यूज़ 21 जनपद गाजियाबाद
मोदीनगर । भीषण गर्मी जैसे जैसे अपने तेवर दिखा रही है वैसे वैसे जनता में कूलर की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इधर कोरोना माहामारी से जूझ रहे कूलर निर्माताओंं को भारी घाटे का सामना करना पड़ रहा है।
जुलाई माह बरसात का माह माना जाता है। लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अभी दूर दूर तक मानसून नजर नहीं आ रहा है। बल्कि भीषण गर्मी अपना कहर बरसा रही है। इसके चलते जनता में कूलर की मांग काफी बढ़ गई है। गोविंदपुरी स्थित बैस्ट कूलर,सेफ एंड फर्नीचर के निर्माता प्रमोद कुमार अग्रवाल का कहना है कि कोरोना माहामारी के प्रकोप के चलते लॉकडाउन में एक भी कूलर की बिक्री नहीं हो सकी । अब बाजारों को कुछ राहत दी गई है। जिसके चलते भीषण गर्मी में कूलर की बिक्री बढ़ी है। उन्होंने बताया कि बाजार में तीन हजार से लेकर दस हजार के स्टील व पलास्टिक की बॉड़ी के कूलर उपलब्ध है। बिजली दरें काफी मंहगी होने के कारण लोगबाग बिजली की कम खपत वाले कूलर लेने में ज्यादा दिल्लचस्पी ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक की बॉडी की अपेक्षा स्टील बॉडी वाले कूलरों की मांग अधिक है। अग्रवाल ने बताया कि कूलरों की बिक्री बढऩे के बावजूद भी कूलर व्यवसाय भारी घाटे के दौर से गुजर रहा है। उसका मुख्य कारण लॉक डाउन रहा है। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के चलते गत तीन माह में विवाह शादी नहीं हो सके जिससे कूलरों की बिक्री नहीं सकी । कूलर निर्माताओं के पास लाखों का स्टॉक रखा है। मानसून निकट आने से उक्त समस्त स्टॉक की बिक्री संभव नहीं है।
अधिकांश व्यवसायी बैंक से लोन लेकर अपना व्यवसाय करते हैं। लॉकडाउन के दौरान लेबर को घर बैठे वेतन देना पड़ा ज�
अधिकांश व्यवसायी बैंक से लोन लेकर अपना व्यवसाय करते हैं। लॉकडाउन के दौरान लेबर को घर बैठे वेतन देना पड़ा ज�

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