जिलाधिकारी औरैया की मानवता
उस समय देखने को मिली जब उन्होंने अजीतमल क्षेत्र के अनंतराम टोल प्लाजा से महज सात सौ मीटर पहले फूटाकुंआ चौराहे के पास, हाइवे पर दुर्घटना में घायल होकर, खून से लथपथ सड़क पर पड़े, भीड़ से घिरे, युवक व युवती को देखा। और बिना किसी देरी के अपनी ही गाड़ी में खून से लथपथ घायलों को लिटाकर सीएचसी अजीतमल भिजवाया। ताकि समय से उपचार मिल सके। जबकि भीड़ एम्बुलेंस का इंतज़ार कर रही थी। जिलाधिकारी की तत्परता से दोनों घायलों की जिंदगी बच गई। यद्यपि प्राथमिक उपचार उपरांत दोनों घायलों को रिम्स सैफई रेफर कर दिया गया। ताज्जुब तो इस बात का है कि टोल प्लाजा पर पुलिस चेक पोस्ट बनी है। फूटाकुंआ चौराहे के पास पिकेट रहती है। लेकिन किसी खाकी में मानवीय संवेदना नहीं दिखाई पड़ी। शर्मशार करती खाकी की चुस्त व्यवस्था की पोल क्या अब भी किसी से छुपी है।
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