*होली आई है*
रंग बरसाती,
मन हरसाती,
होली आई है।
मिलो प्रेम से
सब नर नारी,
लेकर रंग और पिचकारी।
मारो भर के समझ दुधारी।।
होली का त्यौहार निराला,
लिए हरा पीला रंग काला।
उड़े अबीर चले पुरवाई,
सब ने अंधाधुंध मचाई।
नहीं किसी से दगा चोर हो!
प्रेम के रंग में सराबोर हो!!
रंग बरसाती,
मन हरसाती,
*~~घनश्याम सिंह त्रिभाषी साहित्यकार*
एक टिप्पणी भेजें
If You have any doubts, Please let me know