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आधार भी हैं वोट भी हैं, लेकिन आवास नही हैं।

आधार भी हैं वोट भी हैं, लेकिन आवास नही हैं।
फोटो समाचारः
बिधूना औरैया। ब्लाक बिधूना की ग्राम पंचायत रूरूखुर्द के मजरा लक्षमनपुर गांव में नाथ समुदाय लोगों को गांव की जिसमें लगभग 500 आवादी है।160 वोट भी है। लेकिन गांव में 95 प्रतिशत लोग आज भी गांव झोपड़ियों को गुजर बसर कर रहें। गांव के गरीब परिवारों ने अपने मकान की चाहत में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन कई बार जरूर कर दिया, लेकिन उम्मीद के साथ छप्पर व झोपड़ियों के नीचे जिंदगी बीत रही है। इस तरह का कोई एक मामला नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में आवेदन करने वाले गरीब परिवार कई साल से पहली ही किस्त का इंतजार कर रहे हैं। क्योंकि किसी को जर्जर झज्ञेपडियों में जिंदगी जोखिम में डालकर रहना पड़ रहा है तो कोई भाई के सहारे सिर छुपाए हुए है। हालात यह है कि अधिकारियों व प्रधानों के चक्कर काट-काट कर लोग थक चुके है लेकिन कोई पीड़ा सुनने वाला नहीं है। वही कई परिवारों के पास तो राशन कार्ड भी नही जिससे फ्री का राशन भी ले सकें।
 
 सीन01 गावं निवासी महराजनाथ ने बताया कि लगभग मेरी उम्र लगभग 50 के साल की होने वाली। लेकिन अभी तक कोई आवास नही मिला प्रधान से गुहार लगाई लेकिन उन्होने कहा दियाकि जब आयेगी तब मिलेगी। राशन कार्ड भी नही है। परिवार को भरण पोषण करे दिक्कत को सामना करन पड़ा रहा है। अभी कहा गया कि न प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास सभी गरीवो मिलेगे लेकिन गांव कोई पूछने तक नही आया  बारिश के मौसम में सभी लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

सीन02 गांव के रहने वाले राजेशनाथ ने बताया कि 40 साल से झोपड़ा रहकर काम चला रहें। लेकिन कोई लाभ नही मिला। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत मकान मिलेगे लेकिन आवेदन करने बाद उसकी जांच सूची में  नाम भी नही आ जिससे कोई जांच करने तक कोई नही आया। गांव के लोग लगभग झोपड़ियों में रहकर गुजर बसर कर रहें।

सीन03 उमाशंकर बताया कि प्रधानों से गुहार लगा जा चुकी। लगभग 15साल से  झोपड़ी में परिवार के साथ रह रहें आवेदन भी किये लेकिन कोई आवास नही आया न जांच करने लगाया।
सीन 04 गांव रहने वाने रामनाथ ने बताया कि 40 सान से झोपड़ी में रहते गुजर गये। कई बार फार्म भरें लेकिन कोई आवास नही मिला परिवार के साथगांव झोपड़ी में गुजर बरस कर रहें। प्रदेश व केन्द्र कोई सरकार रहें। लेकिन गांव में कोई सुबिधा नही मिलती है।

सीन05ः रूर्मिला देवी ने बताया कि 20 साल से झोपड़ी में रह रही हूॅं न राशन कार्ड व कोई योजना को लाभ न आवास मिला। सिर्फ वोट के दौरान कहा जाता कि जब मिलेगा लेकिन चुनाव के बाद सभी लोग  भूल जाते है।
 
सीन06ः राखी देवी ने बताया कि  आवास के कई बार फार्म भरें आनलाइन भी किए लेकिन कोई सुबिधा न मिलने अब फार्म भरना बंद कर दिया। चुनाव के दौरान प्रधान लोग आते सुबिधा देने का बात कह कर चाले जाने है।सुबिधा गांव के लोगों  कोई नही हमल रही हैं कई लोगों पर राशन र्काउ भी नही गरीव फ्री को राशन कैसे ले पायेगों।

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