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बीते दिनों सोशल मीडिया पर तहसील के आरके बबलेश कुमार द्वारा जिलाधिकारी के प्रति की गई टिप्पणी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ

बिधूना ।  बीते दिनों सोशल मीडिया पर तहसील के आरके बबलेश कुमार द्वारा जिलाधिकारी के प्रति की गई टिप्पणी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि आज तहसील संग्रह अमीन संघ के पदाधिकारियों ने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देकर यह मांग उठा दी कि अमीनों के प्रति की गई अभद्र टिप्पणी के लिए जो लेखपाल जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। अमीन संघ के पदाधिकारियों ने उपजिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि कुछ लेखपालों द्वारा तहसील व्हाट्सएप  ग्रुप पर जिस तरह की अशोभनीय टिप्पणी की गई है वह बहुत ही गलत है और सेवा नियमावली के खिलाफ है, इसलिए ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।  अमीन संघ के पदाधिकारियों में इस तरह की टिप्पणी को लेकर खासी नाराजगी है।
 उल्लेखनीय है कि बीते दिनों तहसील दिवस के दौरान जिलाधिकारी ने आरके बबलेश कुमार को किसी विरासत के मामले को लेकर आई शिकायत के बाद पुलिस के हवाले कर दिया था जिन्हें शाम को लेखपालों के आग्रह पर पुलिस द्वारा छोड़ा गया था। आज उपजिलाधिकारी राम अवतार वर्मा को दिए गए ज्ञापन में राजस्व संग्रह अमीन संघ तहसील बिधूना के अध्यक्ष अजय कुमार सिंह चौहान , मंत्री चंद्र कुमार , अनूप कुमार बाजपेई, राजबहादुर  समेत कई पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि 8 नवंबर को संपूर्ण समाधान दिवस पर जिलाधिकारी के समस्त तहसील के किसी अधिवक्ता द्वारा विरासत दर्ज न किए जाने संबंधी शिकायत की गई थी जिस पर जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित आरके बबलेश कुमार को पुलिस के सुपुर्द कर थाने में बैठाने का आदेश दिया था । शाम को लेखपालों के विशेष अनुरोध पर पुलिस द्वारा बबलेश कुमार को छोड़ दिया गया था, उसके बाद रात्रि 9 बजे के करीब तहसील ग्रुप व्हाट्सएप पर किसी अमीन के प्रति कमीना शब्द का प्रयोग किया गया जिस पर कई लेखपाल साथियों द्वारा उक्त शब्द का समर्थन किया गया। ज्ञापन में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इससे स्पष्ट है कि समर्थन करने वाले लेखपालों द्वारा भी अमीन संवर्ग प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया जो अपराध की श्रेणी  में आता है। एक लेखपाल द्वारा तो व्हाट्सएप पर लिखा गया कि एक नहीं दो अमीन कमीना हैं।  इस तरह की टिप्पणी से  अमीन संवर्ग में भारी रोष व्याप्त है । राजस्व संग्रह अमीन संघ के पदाधिकारियों के के अनुसार सार्वजनिक ग्रुप पर किसी संवर्ग अथवा कर्मचारी के विरुद्ध अपशब्दों का प्रयोग बिना किसी साक्ष्य के  करना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है और यह कर्मचारी सेवा नियमावली आचरण का खुला उल्लंघन भी है । अमीन संघ के पदाधिकारियों ने उपजिलाधिकारी से मांग की कि व्हाट्सएप ग्रुप पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले संबंधित लेखपालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इस तरह से एक बार फिर आरके बबलेश कुमार का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है क्योंकि इससे पहले आरोप है कि बबलेश कुमार ने जिलाधिकारी को भी टिप्पणी के द्वारा आरोपों की जद में ला दिया था जिससे जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए बबलेश  कुमार को निलंबित कर कलेक्ट्रेट मुख्यालय ककोर से सम्बद्ध करने का निर्देश जारी किया था। अब एक बार फिर अमीन संघ इस मामले को लेकर लामबंद होता जा रहा है जिसमें कुछ लेखपालों को भी कार्रवाई की जद में लाने का प्रयास शुरू किया गया है। उपजिलाधिकारी राम अवतार वर्मा का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी  विधि सम्मत होगा वह कार्रवाई की जाएगी।

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