दरअसल, हाल ही में सीएम योगी ने किसानों से एक संवाद कार्यक्रम में वादा किया था कि पराली जलाने के कारण किसानों पर दर्ज मुकदमों को सरकार वापस लेगी और उन पर लगा जुर्माना भी माफ होगा.
किसान अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभा रहे
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा पुलिस आयुक्त, सभी डीएम और पुलिस अधीक्षकों को जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के उत्कर्ष के लिए कटिबद्ध है. साथ ही सरकार यह सुनिश्चित करती है कि किसान बिना किसी कठिनाई और भय के निरंतर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अपना अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान देते रहें.आदेश में कहा गया है कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि कोरोना महामारी के समय प्रदेश के किसानों का सर्वोच्च हित सुनिश्चित करते हुए उप्र के विभिन्न जिलों में किसानों के खिलाफ पराली जलाने के संबंध में दर्ज 868 अभियोगों को तुरंत निस्तारित कराया जाए.
किसानों को साधने में जुटी सरकार
देश के अलग-अलग इलाकों में नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध हो रहा है. माना जा रहा है कि भाजपा को डर है कि आगामी विधानसभा चुनाव में इसका असर दिख सकता है. ऐसे में भाजपा अब किसानों को साधने में जुट गई है. इसी क्रम में 18 सितंबर को किसान सम्मेलन को आयोजित करने का फैसला किया गया है.'किसान कल्याण सम्मेलन' नाम से आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह शामिल होंगे. लखनऊ के आशियाना में स्मृति उपवन पार्क में आयोजित सम्मेलन में प्रदेश के सभी विधानसभाओं से किसानों को बुलाया जाएगा.
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