उत्तर प्रदेश न्यूज21संवाददाता
औरैया:आयुष्मान कार्ड के फेर में लोग जन औषधि केंद्र भूल गए हैं। स्वास्थ्य महकमा भी इस समय आयुष्मान कार्ड बनाने में जुटा है। जिला अस्पताल में संचालित जन औषधि केंद्र ही चल रहा है। यहां भी मरीजों को पूरी दवाई नहीं मिल पाती। बेबस होकर उन्हें मेडिकल स्टोरों पर जाकर महंगे रेट पर दवा खरीदनी पड़ती है। शासन की ओर से गरीबों के इलाज के लिए चलाई जा रही आयुष्मान योजना के तहत जिले में तेजी से काम हो रहा है। कार्ड बनवाने के चक्कर में लोग जन औषधि केंद्र पर जाना भूल गए हैं। जिला अस्पताल में स्थित जन औषधि केंद्र सेवाएं दे रहा है। जहां पर इस समय करीब 250 दवाएं उपलब्ध हैं। मरीजों को डॉक्टर की लिखी अधिकांश दवाएं जन औषधि केंद्र पर भी नहीं मिलती हैं।
जिसके चलते उन्हें मजबूरन वह दवाएं बाहर के मेडिकल स्टोर से महंगे दामों पर खरीदनी पड़ती हैं। औषधि केंद्र संचालक का कहना है कि अस्पताल में कई बीमारियों के स्पेशलिस्ट नहीं हैं। जिसके चलते उन दवाओं को मंगाने का कोई मतलब नहीं है। यहां आई सर्जन नहीं है। सर्जिकल आइटम की कोई बिक्री नहीं है। जिसके चलते कोई भी सर्जिकल उपकरण या इस तरह की दवाएं नहीं लिखी जाती। जिन दवाओं की बिक्री है। केवल वही दवाएं मंगाते हैं। जन औषधि केंद्र के जैकी ने बताया कि करीब 5 दिन पहले दवाओं का मिलान किया था। जिस समय 258 दवाएं मौजूद थी
लॉकडाउन में नहीं हुई बिक्री
औरैया लॉकडाउन के दौरान जिला अस्पताल में सामान्य ओपीडी बंद थी। जिसके चलते मरीज अस्पताल में नहीं आए। अस्पताल खुलने पर जन औषधि केंद्र पर भी मरीज दवाई लेने आते हैं। जब अस्पताल ही नहीं खुले तो मरीज कैसे आएंगे। लॉकडाउन के दौरान केंद्र पर 15 से 20 फ़ीसदी ही बिक्री रही। जबकि केंद्र नियमित रूप से खुलता रहा।
आयुष्मान कार्ड के लिए उमड़ रही भीड़ औरैया
शासन के निर्देश पर जिले में आसमान कार्ड तेजी से बनाए जा रहे हैं। जिसके चलते जिला अस्पताल में प्रतिदिन काफी भीड़ हो रही है। जिला अस्पताल की स्वास्थ्य कर्मी सखी ने बताया कि शासन के निर्देश पर लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिला अस्पताल में करीब 50-60 लोग प्रतिदिन कार्ड बनवाने के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कुछ दिन पहले शासन की ओर से प्रत्येक वार्ड में शिविर लगाकर भी आयुष्मान कार्ड बनाए गए थे।
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