Top News

कब जारी होगी फाइनल आरक्षण लिस्ट,हाईकोर्ट में आज होने वाली सुनवाई पर टिकी दावेदारों नजरें

उत्तर प्रदेश न्यूज21संवाददाता
यूपी में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आरक्षण पर आज हाईकोर्ट में सुनावाई होगी। जिस पर सभी की नजरें टिकी हैं। वहीं, चुनाव की तैयारी कर रहे संभावित प्रत्याशियों की बैचेनी भी बढ़ी हुई है।पंचायत चुनाव में आरक्षण की सूची के फाइनल प्रकाशन पर रोक लगा दी थी। आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। हाईकोर्ट में याचिका में कहा गया है कि जिला एवं क्षेत्र पंचायत चुनावों में आरक्षण की रोटेशन व्यवस्था के लिए वर्ष 1995 को माना जा रहा है। उसी आधार पर आरक्षण किया जा रहा है।जबकि, राज्य सरकार ने वर्ष 2015 कर दिया था। उसी आधार पर पिछले चुनाव में आरक्षण भी किया गया था। कहा गया कि राज्य सरकार को इस वर्ष भी 2015 को बेस वर्ष मानकर आरक्षण को रोटेट करने की प्रक्रिया करना था। जिस पर आज होईकोर्ट में सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट में सुनवाई को लेकर पंचायत चुनाव के संभावित प्रत्याशियों की धड़कने तेज हो गई हैं। 
सभी की नजरें हाईकोर्ट के आदेश पर टिकी हैं।
उधर, आरक्षण सूची पर रोक के बाद से गांव-गांव में माहौल बदल गया है। चुनाव के नाम पर चल रही दावतें भी रूक गई है। मेरठ डीपीआरओ उपेंद्र राज का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश पर आरक्षण सूची के प्रकाशन को 15 मार्च तक के लिए रोक दिया गया है। हाईकोर्ट के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है। कोर्ट के आदेश पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रोक के बाद बदल गया गांव का माहौल :
पंचायत चुनाव में आरक्षण की अंतिम सूची पर कोर्ट की रोक के बाद से गांव में माहौल बदला बदला दिख रहा है। आदेश के बाद जहां गतिविधियां थम सी गई हैं वहीं चर्चाएं तेज हो गई हैं। सोशल मीडिया से लेकर गांव की चौपाल तक सीटों पर असमंजस की स्थिति नजर आ रही है। अंतिम सूची में रोक से जहां ये दावेदार असमंजस में हैं वहीं सीट आरक्षित होने के बाद लड़ाई से बाहर हो चुके दावेदार गांव में बड़े जोर शोर से कह रहे कि सीट की स्थिति बदल सकती है। इसलिए वह चुनाव लड़ेंगे। सोशल मीडिया पर भी तरह तरह की चर्चाएं हैं। यहां ऐसी पोस्ट खूब वायरल हो रही हैं जिनमें सीटों पर आरक्षण बदलने का दावा किया जा रहा है। कोराना काल में बर्बाद हुआ प्रिटिंग प्रेस के धंधे को प्रधानी के चुनाव ने संजीवनी दी है। आरक्षण जारी होते ही एकबारगी से आर्डर आए। आर्डर पूरा करने के लिए प्रिटिंग प्रेस वालों ने रात दिन मेहनत की की मगर रोक के बाद एक बार फिर इनका धंधा थम गया है।

Post a Comment

If You have any doubts, Please let me know

और नया पुराने