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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हाथरस मामले में कुछ अधिकारियों के निलंबन के बाद कहा कि 'मोहरों' के निलंबन से क्या होगा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि हाथरस के जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फोन रिकॉर्ड सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि पता चल सके कि किसके आदेश पर पीड़िता और उसके परिवार को कष्ट दिया गया। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'योगी आदित्यनाथ जी, कुछ मोहरों को निलंबित करने से क्या होगा? हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार को भी प्रसव पीड़ा किसके प्रसव पर दी गई थी? हाथरस के डीएम, एसपी के फोन रिकॉर्ड सार्वजनिक किए गए। 'उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री जी अपनी जिम्मेदारी से हटने की कोशिश न करें। देश देख रहा है। योगी आदित्यनाथ रेसफा दो। 'गौरतलब है कि हाथरस मामले पर लापरवाही बरतने वाले अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। बता दें, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर जिले के एसपी, सीओ, इंस्पेक्टर और कुछ अन्य अधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया है। खबर के मुताबिक इन सभी लोगों का नार्को पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया जाएगा। निलंबित किए गए अधिकारियों की लिस्ट में एसपी विक्रांत वीर, सीओ राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, एसआई जगवीर सिंह, हेड कॉन्स्टेबल महेश पाल शामिल हैं। बता दें, शुक्रवार को ही SIT की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है। जिसके बाद इन सभी को निलंबित किया गया।इससे पहले उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उठ रहे सवालों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को नुकसान पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल विनाश सुनिश्चित है।
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