उत्तर प्रदेश न्यूज़ 21 नवनीत गुप्ता
दिबियापुर:बचत अभिकर्ता मनोज दुबे की मौत का रहस्य अभी तक बरकरार है।सोलह दिन बीतने के बाद भी थाना पुलिस खाली हाथ नजर आती है। ज्ञात रहे कि बीती 24 अगस्त को स्थानीय कैलाश बाग निवासी मनोज दुबे (42) सुबह बाइक लेकर डाकघर को निकले थे जो वापस घर नहीं लौटे।उसी दिन लापता मनोज के पिता रामबाबू दुबे ने देर शाम दिबियापुर थाने में अपने पुत्र की गुमशुदगी दर्ज करायी थी। पुलिस और परिजन खोजबीन में जुटे थे कि इसी बीच पाँचवे दिन शुक्रवार को मनोज का शव दिबियापुर से करीब पॉच किलोमीटर दूर कन्हों के निकट रेलवे ट्रेक पर पड़ा मिला था। वहीं इस मामले में सीओ सिटी सुरेन्द्र नाथ यादव ने रेलवे क्रासिंग कैंजरी पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगालने के बाद बताया था कि मृतक मनोज शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे अपनी बाइक से अकेले ही उधर से जाते हुये वापस भी कस्बा की ओर लौटे थे। जबकि उनकी बाइक शव से कुछ दूरी पर ही मिली थी।जिससे घटना की गुत्थी और उलझ गयी है।हालाँकि पुलिस मृतक के मोबाइल की काल डिटेल और मिलने जुलने वालों से लगातार पूछताछ कर घटना की असलियत पता करने में जुटी है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में चोटों के निशान और मृत्यु के संभावित समय को देखकर भी पुलिस उलझन में है तथा अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों पहलुओं पर विचार कर रही है।वहीं पीडित़ पिता ने 31 अगस्त को अज्ञात लोगों के द्वारा अपहरण के बाद हत्या करने की तहरीर दी थी जिस पर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।उधर मामले में पुलिस के रवैये से नाराज लोगो की शिकायत पर एसपी सुनीति ने थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं मृतक के साथी डाकघर ,सहारा इण्डिया तथा एलआईसी के बचत अभिकर्ताओं ने मनोज की मौत पर शोक जताते हुये पुलिस अधीक्षक से मामले की निष्पक्ष जॉच करवाने के साथ पीडित परिजनों को सरकारी मदद दिलाये जाने की मॉग की है।
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