बच्चो को दे अच्छे संस्कार कौशल पोरवाल बिधूना।
कौशल पोरवाल ने कहा कि आज जो बच्चे हमारे समाज के रास्ता भटक गए है उनकी भटकने की बजह हम खुद है क्योंकि पहले एक परिवार एक जुट होकर रहता था बाबा ,दादी ,चाचा चाची ,बुआ तायू ,ताई सब मिलकर रहते थे तो हमारे छोटे छोटे बच्चे उनके साथ अपना समय व्यतीत करते थे ,लेकिन आज परिवार मे सब अलग रहते है भाई को भाई से मतलब नही है सब अपनी जिंदगी मैं ऐसे मस्त हो गए है कि नॉकरी से आये ,य विजनेश करके आये बस खाना खाया और सो गए।बच्चा जो कि इंतजार कर रहा है कि उसके पापा जी कुछ समय उसके साथ व्यतीत करेंगे पर ऐसा नही होता है।
फिर आखिर बच्चे टीवी देंखेंगे, मोबाइल चलाएंगे,और अपनी जो संस्कृति है उससे दूर होते चले गए है।और आज ऐसी स्थिति हो गयी है कि बच्चे हमारे गलत रास्तों पर जाने लगे है उनको अपने परिवार से कोई भी लगाव नही है क्योंकि उनको दिखाई देता है कि मेरे माता पिता जब अपने माता पिता ,या भाई ,बहन से मतलब नही रखते है तो हम भी क्यो रखे।इसलिये गलत रास्ता चुनते है आजकल के नवयुवक बच्चे।
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