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कोरोना महामारी बीमारी के चलते आर्थिक तंगी से आकर हो परेशान तो देखे इस खबर को और उठाएं लाभ...


कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किये गए लॉकडाउन के बीच भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये का एक राहत पैकेज घोषित किया है. कोरोना संकट के बीच छोटे कारोबारियों को प्रोत्साहन देने के मकसद से केंद्र सरकार ने शिशु मुद्रा लोन के ब्याज पर दो फीसदी छूट देने का ऐलान किया है.अगर आप अपना व्यापार शुरू करने या कारोबार बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं तो सरकार की शिशु मुद्रा लोन योजना का फायदा उठा सकते हैं.प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में वास्तव में तीन तरह के लोग दिए जाते हैं. इनमें से सबसे पहला है-शिशु मुद्रा लोन योजना.अगर आप भी शिशु मुद्रा लोन योजना के तहत लोन लेकर अपना कामकाज शुरू करना चाहते हैं तो आप 50,000 रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत सरकार की ओर से शिशु लोन योजना के ग्राहकों को भी राहत दी गई है.अगर बात इस समय मुद्रा शिशु लोन लेने वाले ग्राहकों की करें तो तीन करोड़ लोग 12 महीने तक ब्याज दर में दो फीसदी की छूट का फायदा उठा सकते हैं. इस अवधि के लिए शिशु मुद्रा लोन लेने वाले लोगों का 1500 करोड़ रुपये का ब्याज केंद्र सरकार भरेगी.केंद्र सरकार का मकसद छोटे स्तर पर व्यापार करने वालों की मदद करने का है. इसलिए शिशु मुद्रा लोन योजना के तहत सिर्फ छोटे व्‍यापारियों को लोन मिल सकता है. बड़े कारोबार के लिए इस योजना के तहत मदद नहीं मिलेगी. मुद्रा योजना के तहत तीन चरणों में सरकार लोन दे रही है. केंद्र सरकार ने इसे शिशु लोन, किशोर लोन और तरुण लोन योजना में बांटा है शिशु मुद्रा लोन योजना के तहत कोई व्यक्ति दुकान खोलने, रेहड़ी-पटरी पर कारोबार करने जैसे छोटे काम के लिए बैंक से 50,000 रुपये तक का लोन ले सकता है. इससे वह अपना रोजगार कर सकता है. अभी सरकार ने जो छूट दी है, वह इसी के तहत दी है.

वाणिज्यिक बैकों, आरआरबी, स्मॉल फाइनेंस बैंक, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा शिशु मुद्रा लोन दिये जाते हैं. ग्राहक इन संस्थानों में जाकर लोन के बारे में बात कर सकते हैं या https://www.udyamimitra.in/ पोर्टल पर जाकर लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर कर सकते हैं. शिशु मुद्रा योजना में बिना गारंटी के आसानी से लोन मिल जाता है केंद्र सरकार ने 8 अप्रैल 2015 को पीएम मुद्रा योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का मकसद व्यापारियों को आसानी से लोन की सुविधा उपलब्ध कराना है.
शिशु मुद्रा लोन योजना के लिए कोई निश्चित ब्याज दर नहीं है. अलग-अलग बैंक मुद्रा लोन पर अलग अलग ब्याज दर वसूल करते हैं. ब्याज दर का निर्धारण बिजनेस की प्रकृति और उससे जुड़े जोखिम के आधार पर भी तय होता है. आमतौर पर शिशु मुद्रा लोन पर 9-12 फीसदी तक का सालाना ब्याज चुकाना पड़ता है.
साल 2019-20 की रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मुद्रा योजना के तहत 5,83,65,823 लोगों को 323,573 करोड़ रुपये के लोन की स्वीकृति दी गई है. इसमें से 316,099 करोड़ रुपये के लोन लोगों को दिए जा चुके हैं.

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