उत्तर प्रदेश न्यूज़21/देश विदेश
चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में अपना कहर बरसा रहा हैं। कोरोना ने अब किसी गिरगिट की तरह अपना रंग बदल लिया है। दरअसल, कोरोना वायरस को लेकर अब तक जो लक्षण सामने आ रहे थे
नई दिल्ली। चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में अपना कहर बरसा रहा हैं। कोरोना ने अब किसी गिरगिट की तरह अपना रंग बदल लिया है। दरअसल, कोरोना वायरस को लेकर अब तक जो लक्षण सामने आ रहे थे, उन्हीं आधार पर मरीजों का इलाज किया जा रहा था, लेकिन अब इसने अपनी चाल ही बदल दी है। हर दिन नए-नए रूप और रंग में दिख रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस के एक नए लक्षण के प्रति पूरी दुनिया को आगाह किया है। विशेषज्ञों ने कहा कि बोलने में दिक्कत होना कोरोना वायरस का 'गंभीर' लक्षण है।
अब तक कोरोना के मरीजों में कफ, सर्दी, बुखार, गला सूखना, थकान महसूस होना, खांसी आना और सांस लेने में तकलीफ, अचानक सूंघने की क्षमता खत्म , आंखें गुलाबी होने, को ही नोटिस किया जा रहा था, लेकिन बाद में कुछ मरीजों में बोलने में दिक्कत के साथ- साथ अगर चलने में दिक्कत हो रही है। अब मेडिकल टीमें और डॉक्टर लक्षणों को लेकर नए तरीके से सोच रहे हैं। कुल मिलाकर रंग बदलकर कोरोना ने दुनिया की तकलीफ और बढा दी है।
अभी तक दुनियाभर के डॉक्टर यह कहते थे कि कफ या बुखार रहना कोरोना वायरस के दो मुख्य लक्षण हैं। डब्ल्यूएचओ की यह चेतावनी ऐसे समय पर आई है जब कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 3 लाख को पार कर गई है। जानकारी के अनुसार इस महामारी से ठीक हुए लोगों का कहना है कि अन्य लक्षणों के साथ-साथ बोलने में दिक्कत का होना कोरोना वायरस से संक्रमित होने का संभावित लक्षण है।
डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों का कहना है कि किसी व्यक्ति को बोलने में दिक्कत के साथ- साथ अगर चलने में दिक्कत हो रही है तो उसे तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
डब्ल्यूएचओ ने कहा, 'कोरोना वायरस से प्रभावित ज्यादातर लोगों को सांस लेने में हल्की परेशानी हो सकती है और वे बिना किसी खास इलाज के ठीक हो जाएंगे। 'कोरोना वायरस के गंभीर लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द या दबाव, बोलना बंद होना या चलने फिरने में दिक्कत कोरोना वायरस के गंभीर लक्षण हैं।'
विशेषज्ञों ने आगाह किया कि अगर किसी को ऐसी गंभीर दिक्कत हो रही है तो उसे तत्काल डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर के पास जाने से पहले हेल्पलाइन पर एक बार सलाह जरूर लें। WHO ने यह भी कहा है कि बोलने में दिक्कत हमेशा कोरोना वायरस का लक्षण नहीं होगा। कई बार दूसरी वजहों से भी बोलने में दिक्कत होती है।
इसी सप्ताह हुए एक अन्य शोध में कहा गया था कि कोरोना वायरस का एक अन्य लक्षण मनोविकृति भी है। मेलबर्न की ला ट्रोबे यूनिवर्सिटी ने चेतावनी दी थी कि कोरोना वायरस की वजह से कई मरीजों में मनोरोग बढ़ रहा है। डॉक्टर एली ब्राउन ने कहा कि कोरोना वायरस हरेक के लिए बहुत तनावपूर्ण अनुभव है। यह इंसान के आइसोलेशन में रहने के दौरान ज्यादा बढ़ रहा है। अध्ययन से जुड़े टीम ने मर्स और सार्स जैसे अन्य वायरस का भी अध्ययन करके यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या उनका इंसान की मानसिक स्थिति पर क्या असर पड़ रहा है।
एक टिप्पणी भेजें
If You have any doubts, Please let me know