Top News

सती का हुआ त्याग-पढ़िए कथा वाचक दिव्यांशी ठाकुर के मुखारबिंद...........?

मलासा पुखरायां कानपुर में सरस् कथा वाचक सुश्री दिव्यांशी जी ठाकुर के मुखारबिंद से भागवतकथा आयोजन
कानपुर (मलासा)पुखरायां  - कानपुर मलासा पुखरायां में कथावाचक सुश्री दिव्यांशी जी ठाकुर के मुखारबिंद से भागवतकथा के आयोजन में सती जी का त्याग किस प्रकार हुआ। इस पर उन्होंने वर्णन सहित चर्चा की, जिसमें उन्होंने बताया कि भगवान भोले नाथ मन ही मन में सोच रहे है कि सती परमपवित्र इन्हें छोड़ भी  नही सकते है जबकि किसी और से प्रेम करना एक अपराध माना जाता है,जबकि जिसने भगवान से प्रेम कर लिया हो उसे किसी और से प्रेम नही करना चाहिए। उधर भगवान शिव ने मन ही मन में प्रभु राम जी के चरणों में नमन करते हुए विचार करते है कि प्रभु सती के इस शरीर से मेरी पति पत्नि के रूप में भेंट नही हो सकती ,कथा वाचक दिव्यांशी जी ठाकुर ने बताया कि शिवाजी जी ने मन में यह संकल्प लेते हुए कहा कि सती ने भगवान राम की परीक्षा लेने के लिए सीता का रूप धारण कर उन्हें भ्रमित करना चाहा, लेकिन भगवान राम ने उन्हें पहचान लिया और माता कहकर संबोधित किया। राम जान गए थे, ये तो मेरे गुरु भगवान शिव की पत्नी और मेरी मां सती जी हैं। लेकिन ये तो अपने को सीता कह रही हैं। सब कुछ जानकारी लेते हुए प्रभु श्रीराम ने कहा - मां, आप अकेली जंगल में, गुरु जी कहा हैं? मैं दशरथ पुत्र राम आपके चरणों में प्रणाम करता हूं। सती जी जान गईं कि ये ब्रह्म हैं, न की कोई राजकुमार। सतीजी वहां से चलकर जब शिवजी के पास आई तो भगवान त्रिपुरारी ने पूछा- सती! परीक्षा ले ली तो सतीजी ने मना कर दिया कि मैंने कोई परीक्षा नहीं ली। बाबा भोलेनाथ तीनों लोकों के स्वामी हैं, उनसे कुछ भी छुपा नहीं है, वो सब कुछ जान गए थे कि सती भगवान राम का परीक्षा लेकर आ रही हैं, यह जानने के बाद भगवान  शिव ने सती का मन ही मन त्याग कर दिया। सती जी बिना आदेश के पिता के घर गई यज्ञ में कूदकर देह त्याग दिया। बाद में उन्हीं का जन्म पुन: पार्वती के रूप में राजा हिमाचल के यहां हुआ। इस प्रसंग  को सुनते हुए श्रोता भावविहोर हो गए। भागवत मंडली में सरस् कथा वाचक सुश्री दिव्यांशी जी ठाकुर के पिता जी धीरेंद्र प्रताप सिंह,आर्गन पर-सुरेश यादव,पैड पर- लखन भदौरिया ,नाल पर- राजमणि अवस्थी व सैकड़ो श्रोता मौजूद रहे।

Post a Comment

If You have any doubts, Please let me know

और नया पुराने