हौसलों ने भरी उड़ान, समाज में बनाई अलग पहचान
देश की बेटी 'निर्भया' को न्याय दिलाने के बाद अब सीमा जनपद की बेटियों की करेंगी कानूनी मदद
इटावा।।।हौसला बुलंद हो तो कितनी भी मुश्किलें आएं मंजिल मिल ही जाती है, यह सार्थक कर दिखाया है जनपद के ग्राम उग्रपुर (लखना) की सीमा कुशवाहा ने। एक छोटे से गांव से निकलकर देश की बेटी निर्भया को न्याय दिला कर अपनी एक सफल अधिवक्ता के रूप में अलग पहचान बनाई है।
सीमा ने बताया - उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम विधिपुर प्राथमिक विद्यालय में हुई। वहां के अध्यापक जगदीश त्रिपाठी से रानी लक्ष्मीबाई, महात्मा गांधी, भीमराव अंबेडकर आदि महापुरुषों के बारे में प्राप्त ज्ञान ने बचपन से ही कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित किया ।
सीमा ने बताया - प्रारंभिक शिक्षा के बाद गांव में कोई स्कूल न होने के कारण उन्हें संघर्षों का सामना करना पड़ा । बड़ी मुश्किल से परिवारिक सहमति मिलने के बाद कलावती रामप्यारी इंटर कॉलेज से 12वीं परीक्षा पास की। उस समय के अनुसार लड़कियों को बाहर पढ़ने के लिए नहीं भेजा जाता था।
आस-पास शैक्षिक परिवेश का अभाव उन्हें हमेशा खलता था। बचपन से ही शिक्षा के प्रति विशेष लगाव होने के कारण पढ़ने की ज़िद समय के साथ-साथ और भी बढ़ती रही। जनता कॉलेज अजीतमल से स्नातक करने के साथ-साथ कॉलेज के अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, वाद-विवाद प्रतियोगिता में सदैव प्रथम स्थान प्राप्त किया।
डीसी ऑफ लॉ कॉलेज कानपुर से उन्होंने कानूनी पढ़ाई पूरी करने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में काम किया।
उस दौरान कोर्ट में महिला अधिवक्ताओं की कमी उनको मानसिक रूप से झकझोरती थी। उस समय समाज में लड़कियों के कानूनी पढ़ाई करने के बाद उनको अलग ही मापदंड दिए जाते थे | वह बात भी मन को कहीं न कहीं घर कर गई और महिलाओं के अधिकार के प्रति मैं और सजग हुई।
सीमा ने बताया वर्ष 2007 में वह आईएएस की कोचिंग के लिए दिल्ली आई तभी कोचिंग में पढ़ाने वाले विकास दिव्यकीर्ति से प्रभावित होकर नारी सशक्तिकरण के प्रति उनका नजरिया और बेहतर हुआ। उन्होंने ठान लिया कि समाज में महिलाओं की स्थिति और बेहतर बनाना उनके जीवन का उद्देश्य है। इसी दौरान वर्ष 2012 में निर्भया केस हुआ जिसने मुझे मानसिक रूप से झकझोर दिया और तीन दिन तक सो नहीं पाई। उसी दौरान निर्भया के माता-पिता से संपर्क हुआ और मैंने इस केस को लड़ने की ठान ली, उन्होंने निर्भया के पिता को भरोसा दिलाया कि सभी दोषियों को फांसी अवश्य दिलवाऊँगी ।
सीमा कहती हैं महिलाएं कहीं भी काम करें उन्हें अपने अधिकारों, आत्मसम्मान के लिए जागरूक होना चाहिए । उन्होंने समृद्ध भारत नामक एक संस्था बनाई है जिसमें पीड़ित, असहाय महिला संपर्क कर कानूनी मदद ले सकती है। आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों की पढ़ाई के लिए भी वह मदद करेंगी। उन्होंने कहा - मैं पूरी कोशिश करूंगी जनपद में समृद्ध भारत ट्रस्ट जल्द ही सक्रिय हो जिससे जनपद की जरूरतमंद महिलाओं के लिए मैं कुछ कर पाऊं। मैं जनपद की सभी महिलाओं और बालिकाओं से कहना चाहूंगी कि संघर्ष हर पल होता है लेकिन जीतने के लिए शिक्षा नामक शस्त्र होता है | इसलिए सभी पढें और सभी बढ़ें।
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