■ *छात्र समाज के सुगठन के लिए उठ खड़े हों--प्राचार्य डॉ इफ्तिख़ार हसन*
■ *छात्रों व शिक्षकों ने सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता व अखंडता की शपथ ली*
घनश्याम सिंह
औरैया
जनपद के कस्बा दिबियापुर स्थित विवेकानंद ग्रामोद्योग
स्नातकोत्तर महाविद्यालय में "राष्ट्रीय एकता" पर विशाल गोष्ठी का आयोजन किया गया,इस मौके पर छात्रों व शिक्षकों ने सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता व अखंडता की शपथ ली।।
प्राचार्य डॉ इफ्तिख़ार हसन की अध्यक्षता तथा प्रोफ़ेसर यश कुमार (एनएसएस) प्रभारी के संयोजकतत्व में विवेकानंद ग्रामोद्योग स्नातकोत्तर महाविद्यालय दिबियापुर में सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय परिवार के समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया, गोष्ठी का सफल संचालन प्रोफ़ेसर यश कुमार ने किया इस अवसर पर हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर इकरार अहमद ने राष्ट्रीय एकता को देश की रीड की हड्डी बताया उन्होंने समस्त क्रांतिकारियों के बलिदानों को निरर्थक न जाने हेतु सभी देशवासियों को एक और नेक होने की सलाह दी| इस अवसर पर डॉक्टर आलोक यादव ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के अमूल्य योगदान को याद करते हुए कहा की आवश्यकता है कि उन्होंने एक संघीय ढांचे में देश को पिरोया था लेकिन कुछ शक्तियां देश की राष्ट्रीय एकता के मार्ग में बाधक बन रही हैं | जिससे भारतीय संघ के विघटन का रास्ता खुलता है | उन्होंने विद्यार्थियों का आवाहन किया कि वे ऐसी सांप्रदायिक एवं जातिवादी शक्तियों से सावधान रहते हुए देश की एकता के लिए काम करें | प्रोफेसर यश कुमार ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों का आवाहन किया कि वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सरदार वल्लभभाई पटेल एवं स्वामी विवेकानंदके चिंतन एवं विचारधारा परचलकर देश की राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाए | इस अवसर पर डॉ राकेश तिवारी ने अपने उद्बोधन मेंबल दियाकि यह बहुत ही पुनीत कार्य हैकि हम सब राष्ट्रीय महापुरुषों की जयंती कोछुट्टी की जगहगोष्ठी के रूप मेंयाद कर रहे हैं|
अपने विशिष्ट अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य डॉक्टर इफ्तिख़ार हसन ने विद्यार्थियों का आवाहन किया कि जिस परिवार अथवा समाज के सदस्य संगठित एवं एक होकर नहीं रहेंगे तो वह परिवार एवं समाज प्रगति नहीं कर सकता, उसी प्रकार किसी चेतन राष्ट्र के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह अपने देशवासियों के मध्य एकता की स्थापना करें | जिससे देश प्रगति के रास्ते पर निरंतर अग्रसर हो सके,उन्होंने विविध संप्रदायों की तुलना एक बगीचे में विद्यमान विविध रंग एवं सुगंध के पुष्पों से की कि जिस प्रकार विविध रंग एवं सुगंध के पुष्प बगीचे की शोभा बढ़ाते हैं | इसी प्रकार से विविध धर्म ,जाति एवं भाषाओं से संबंधित वर्ग इस भारत रूपी उपवन मैं प्रगति रूपी सुगंध का प्रसार करते हैं |उन्होंने विवेकानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय के विद्यार्थियों का आवाहन किया कि सभी विद्यार्थी भारत माता की सभी संतानों के मध्य एकता का बीज बोएं | जिससे हमारे पूर्वजों द्वारा देखा गया विश्व गुरु का सपना साकार हो सके| उन्होंने
महान राष्ट्रीय नेताओं और क्रांतिकारियों का स्मरण करते हुए कहा की सभी का सपना देश में राष्ट्रीय एकता के संचार का था | जिससे भावी भारत विश्व पटल पर एक महान राष्ट्र के रूप में पुष्पित और पल्लवित हो सके | विविधता में एकता हमारी ताकत है हमारी कमजोरी नहीं |
फ़ोटो-
एक टिप्पणी भेजें
If You have any doubts, Please let me know