विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह को अंग वस्त्र और गुलदस्ता देकर सम्मानित किया
विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर डॉ एमपी सिंह को डॉ मोतीलाल गुप्ता ने सम्मानित किया 5 सितंबर 2021 शिर्डी साईं बाबा स्कूल तथा साईं मंदिर के संस्थापक मोतीलाल गुप्ता जी ने विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह को अंग वस्त्र और गुलदस्ता देकर सम्मानित किया उन्होंने कहा कि डॉ एमपी सिंह एक महान शिक्षाविद मोटीवेटर कैरियर काउंसलर और
अनेकों पुस्तकों के लेखक हैं जिनका मार्गदर्शन हमेशा हमारे विद्यालय और हमारी संस्था को मिलता रहता है डॉ एमपी सिंह एक आदर्श अध्यापक के साथ-साथ बहुत उच्च कोटि के विद्वान और समाजसेवी हैं जो जिला प्रशासन और सरकार के साथ मिलकर अनेकों प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम करते रहते हैं और सरकार की पॉलिसियों को जन-जन तक पहुंचाने में अपना अहम योगदान अवैतनिक और निस्वार्थ भाव से देते रहते हैं उनकी कर्तव्य परायणता नैतिकता सहनशीलता सरलता उदारता को देखते हुए शिक्षक दिवस के उपलक्ष पर सम्मानित करते हुए हम अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं उक्त सम्मान के लिए डॉ एमपी सिंह ने मोतीलाल गुप्ता का आभार व्यक्त किया और कहां कि मोतीलाल गुप्ता जी वास्तव में शिक्षा की मशाल को जलाए रखने में सक्षम है और इक्कीस सौ विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा के साथ-साथ खाना वस्त्र पठन सामग्री आदि प्रदान करके गरीबों के मसीहा बन रहे हैं डॉ एमपी सिंह ने कहा कि शिक्षक होने का अर्थ है जीवन की अंतिम सांस तक ज्ञान की ज्योति जलाए रखना जो कि मोतीलाल गुप्ता बखूबी से निभा रहे हैं इस अवसर पर शिर्डी साईं बाबा के ऑडिटोरियम में अध्यापकों के लिए एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें डॉ एमपी सिंह ने बताया कि प्राचीन काल में राजकुमार भी अपना जीवन शिक्षकों की कुटिया में गुजारा करते थे उनकी शिक्षा-दीक्षा वहीं संपन्न होती थी वेद पुराणों में शिक्षक को साक्षात्कार ब्रह्मा विष्णु और महेश की संज्ञा दी गई है शिक्षक समाज की धुरी होता है जिनके
मार्गदर्शन में देश का निर्माण करने वाला भविष्य पल रहा होता है प्रशिक्षित और सुरक्षित हो रहा होता है जिसकी प्रेरणा और ज्ञान से पत्थर भी पारस बन जाते हैं शिक्षक केवल किताबी शिक्षा ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं डॉ एमपी सिंह ने कहा कि पहले शिक्षक आश्रम में शिक्षा देते थे लेकिन आजकल बड़ी-बड़ी इमारतों में शिक्षा प्रदान की जा रही है गुरु दक्षिणा की जगह अब हर महीने फीस वसूली जा रही है शिक्षकों के नाम पर अब टीचर व सर हो गए हैं काफी बदलाव शिक्षा के आचरण में देखने को मिल रहा है बाजार बाद के प्रलोभन ने शिक्षक की छवि को धूमिल व चोटिल कर दिया है धन लोलुपता और चकाचौंध ने शिक्षक को सम्मोहित कर लिया है कुटिया में दी जाने वाली शिक्षा अब वातानुकूलित कमरों में दी जाने लगी है शिक्षक के रूप में शिक्षा का सौदा करने वाले सौदागर पनपने लग गए हैं स्कूल सीखने की जगह न होकर मोलभाव करने का किराना स्टोर में परिवर्तित हो गए हैं पैसे देकर मनचाही डिग्री प्राप्त कर रहे हैं ऐसे संक्रमण काल में शिक्षक की सही पहचान धूमिल होती जा रही है शिक्षक के चरित्र पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं उक्त सभी स्थितियों को देखते हुए मोतीलाल गुप्ता जी के द्वारा संचालित शिर्डी साईं बाबा स्कूल बेहतर कार्य कर रहा है और समाज और जीवन को बदलने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है डॉ एमपी सिंह ने बताया कि दुनिया में तकरीबन 100 में से ज्यादा देशों में 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है 1994 में इसकी घोषणा यूनेस्को द्वारा की गई थी समय की नवचेतना आकार व दिशा देने में शिक्षक की भूमिका अहम होती है शिक्षक समाज का दर्पण व निर्माण वाहक है शिक्षक संस्कार देते हैं शिक्षक चरित्र का निर्माण करते हैं शिक्षक व्यवहार कुशल सामाजिक मर्यादित प्रतिबद्ध कर्तव्यनिष्ठ व प्रभावशाली बनाते हैं सिखाने वाला व सीख देने वाला हर प्राणी शिक्षक होता है शिक्षक जीवन में ज्ञान की ज्योति को प्रज्वलित करते हैं अज्ञानी को ज्ञानी व विज्ञानी बनाते हैं ज्ञान से अहम और बहन को दूर करते हैं शिक्षक को समाज में सर्वश्रेष्ठ पद पर रखा जाता है बड़े से बड़े राजा महाराजा भी शिक्षकों को नतमस्तक होते हैं शिक्षा की आवश्यकता हर किसी को होती है इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य बीनू शर्मा ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए धन्यवाद किया
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