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कोरोना काल में उत्कृष्ट सेवा भाव ने वार्ड ब्वाय सूरज को बनाया विशेष

कोरोना काल में उत्कृष्ट सेवा भाव ने वार्ड ब्वाय  सूरज को बनाया विशेष

इटावा।।जिला अस्पताल में कार्यरत वार्ड ब्वाय  सूरज ने अपने उत्कृष्ट कार्यों से उस समय सभी का मन मोह लिया  जब कोरोना  से  जनपद के कई लोग संक्रमित होकर अस्पताल पहुँच रहे थे |   स्वास्थ्य कर्मी जब  6 से 8 घंटे की शिफ्ट  कर रहे थे तो  सूरज 12 घंटे निरंतर कोरोना वार्ड में डटकर पूरी जिम्मेदारी से काम कर रहे थे | मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भगवान दास ने कहा - सूरज के काम को मैंने खुद  देखा है।  उनकी कार्यशैली बहुत ही अच्छी है और वह अपना हर काम निष्ठा पूर्वक करते हैं।  मरीजों के साथ उनका संवाद बहुत अच्छा है, मैं उनके काम की सराहना करता हूं। सीएमओ ने कहा - मैं सभी स्वास्थ्य कर्मियों से कहना चाहूंगा कि वह किसी भी पद पर हों उनका कार्य उनको कहीं न  कहीं परिभाषित करता है, और उन्हें विशेष बनाता है |  इसलिए सूरज का उत्कृष्ट सेवा भाव उसे विशेष बनाता है। सभी स्वास्थ्यकर्मी अपना कार्य निष्ठा पूर्वक करें और आगे बढ़े।26 वर्षीय सूरज ने बताया वर्ष 2014 में एक दुर्घटना में उनके दोनों पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए जिसके कारण वह पूरी तरह से पैरों पर खड़े नहीं हो पाते हैं । दिल्ली में ऑपरेशन कराया लेकिन पैसे न होने के कारण अंततः जिला अस्पताल में  आकर भर्ती हुआ,क्योंकि माता-पिता  नहीं थे तो किसी ने देखभाल नहीं की,तब हॉस्पिटल के स्टाफ ने लगभग दो  वर्ष तक मुझे एक परिवार की तरह सहयोग किया और मैं धीरे-धीरे स्वस्थ हुआ। उस समय न मेरे पास रहने को घर था और न जीवनयापन करने के लिए पैसे तब जिला अस्पताल के चिकित्सकों  और स्टाफ ने मेरी मदद की।  तत्कालीन सीएमएस ने मुझे वर्ष 2016 में लोक सेवा कल्याण समिति के द्वारा अस्पताल में कार्य करने की अनुमति दी। 27 अप्रैल 2021 से  अब तक मेरी ड्यूटी कोरोना वार्ड में ही लगी है । सूरज ने बताया उस समय संक्रमित मरीजों को भर्ती कराना, उनके कागजात  तैयार करना यह सभी कार्य वह करते थे। वह बताते हैं उस समय कभी-कभी संक्रमित लोगों के परिवारजन परेशानी और घबराहट में अभद्र व्यवहार कर जाते थे, तब उन लोगों से धैर्य पूर्वक और आत्मीय संवाद से स्थिति को संभालना पड़ता था और पूरे दिन पीपीई  किट में रहकर काम करना पड़ता था। सूरज ने बताया  बीमारी का भय किस तरह से रोगी को भयभीत कर  देता है यह उनसे बेहतर कोई नहीं जानता | इसलिए वह दिन रात मरीजों की सेवा में लगे रहे। सूरज ने बताया, क्योंकि जिला अस्पताल के चिकित्सकों  और स्टाफ ने एक परिवार की तरह उनकी देखरेख की इसलिए अब उनकी बारी थी मुश्किल समय में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की | इसलिए मैं बिना डरे निरंतर काम करता रहा और लोगों की मदद करता रहा। 
हॉस्पिटल मैनेजर डॉ निखिलेश ने बताया - सूरज का  कोरोना वार्ड में काम बहुत ही अच्छा रहा | इसलिए 27 अप्रैल से अब तक उनको वहीं पर कार्यरत रखा गया है। वह बताते हैं विपरीत परिस्थितियों में भी उनके काम करने के जज्बे ने सबको प्रभावित किया। उनके उत्कृष्ट कार्यशैली के लिए हम सब उनके कार्यों की हमेशा सराहना करते हैं।

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