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सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने 4 साल की मासूम जिंदा बच्ची को कर दिया मृत घोषित,रिपोर्टर के देखने पर बच्ची जीवित थी

संवादाता रोहित कुमार सविता पत्रकार उत्तर प्रदेश न्यूज़21 मौरावां उन्नाव

पुरवा (उन्नाव):बेरहम सरकारी डॉक्टर ने 4 साल की मासूम जिंदा बच्ची को कर दिया मृत घोषित
पुरवा सीएचसी अस्पताल आए दिन चर्चा का विषय बना रहता है यहां के डाक्टर की तानाशाही रवैए से लोगो की जान तक चली जाती है लेकिन फिर भी इन डाक्टर को कोई फर्क नहीं पड़ता एक तो लोग कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे है ऐसे में डाक्टर लोगो की जान बचाकर खुद को भगवान साबित करता है और लोग इनको भगवान के नाम  का दर्जा भी देते है लेकिन सीएचसी पुरवा का ये डॉक्टर भगवान के दर्जे को भी कलंकित कर रहे है हम बात कर रहे है पुरवा सीएचसी की जहा पर एक गरीब मां अपनी 4 साल की मासूम बच्ची को लेकर डाक्टर को दिखाने सीएचसी पुरवा अस्पताल में पहुंचती है अस्पताल में डॉक्टर के ना होने पर 10 मिनट तक अस्पताल इधर उधर चक्कर लगाती है फिर डॉ0उमेशकुमार सिंह आते है और अपनी कुर्सी में बैठ जाते है गरीब मां अपनी बच्ची को बचाने के लिए डाक्टर से गुहार लगाती है कि साहब मेरी बच्ची को बचा लो तो साहब कुर्सी में बैठ कर ही फरमा देते है कि बच्ची मृत है इसकी आंखे पलट गई है इसको उन्नाव रिफर करना पड़ेगा जिस पर मौके पर मावजुद हमारे रिपोर्टर उनसे कहते है कि आपने बच्ची को देखा भी नहीं और दूर से ही बता दिया कि बच्ची मृत है तो डॉक्टर साहब कहते है कि तुम देख लो कोरोना चल रहा है तो हमारे रिपोर्टर कहते है की डाक्टर आप है मै नहीं हूं जिस पर रिपोर्टर के देखने पर बच्ची जीवित थी तब रिपोर्टर मोबाइल में वीडियो बनाने लगता है कि आप बच्ची को क्यों नहीं देखेंगे बेचारी जिंदगी और मौत से जूझ रही है तब जाकर आनन फानन डाक्टर यूके सिंह हरकत में आते है और बच्ची को गुलुकोस चढ़ाकर कहते है कि बच्ची को उन्नाव रिफर करना पड़ेगा और बच्ची को रिफर कर देते है सौ बात की एक बात यह की अस्पताल में जो भी मरीजों के लिए दवा और कई सुविधाएं उपलब्ध हैं वो भी ठीक से मरीजों तक मुहैया नहीं होती आए दिन नए नए मामले सीएचसी में देखने को मिलते है यहां तक ना जाने  कितने गरीब परिवारों को इन लापरवाह व तानाशाही करने वाले  डॉक्टरो की वजह से इलाज ना करने की वजह से रास्ते में ही दम तोड़ देना पड़ता है आपको बता दे की शुक्रवार को टीम - 9 की बैठक में अधिकारियों व डॉक्टरों को नोडल अफसर दीपक कुमार  ने हिदायत देते हुए कहा था कि कोरोना के अलावा अन्य रोगों से ग्रस्त मरीजों के साथ अस्पतालों में किसी प्रकार की लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी बैठक में कोविड महामारी को लेकर दितीय लहर के परिपेक्ष मैं महामारी की प्रभावी नियंत्रण, चिकित्सालयों में आईसीयू, व ऑक्सीजनयुक्त बेडस की व्यवस्था, एंबुलेंस सेवाओं की सुचारू व्यवस्था, ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति, जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने,लोगों के आवागमन को नियंत्रित करने, मीडिया को सही जानकारी के निर्देश तक दे दिए थे मीडिया ने तो अपना काम बखूबी निभा भी दिया लेकिन इन डॉक्टर साहब ने तो टीम -9 की बैठक के दूसरे दिन ही नोडल अफसर को भी चुनौती दे डाली वहीं सीएमओ उन्नाव से बात करने पर बताया कि मामला हमारे संज्ञान में नहीं है ।

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