देवउठनी तुलसी विवाह में ग्वालिनें बाँट रही माखन ।
रिपोर्ट महेन्द्र सिंह
हदरुख जालौन
तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी आज 25 नवंबर 2020, बुधवार को है। आज चारों ओर ग्वालिनें राधा कृष्ण के साथ माखन बाँटते नजर आ रही है। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्रीहरि चतुर्मास की निद्रा से जागेंगे। इसीलिए इस एकादशी को देवउठनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन से ही हिन्दू धर्म में शुभ कार्य जैसे, विवाह आदि शुरू हो जाएंगे। देवउठनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु के स्वरूप शालीग्राम का देवी तुलसी से विवाह होने की परंपरा भी है। माना जाता है कि जो भक्त देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का अनुष्ठान करता है उसे कन्यादान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। वहीं एकादशी व्रत को लेकर मान्यता है कि साल के सभी 24 एकादशी व्रत करने पर प्राणी को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता तुलसी ने भगवान विष्णु को नाराज होकर श्राम दे दिया था कि तुम काला पत्थर बन जाओ। इसी श्राप की मुक्ति के लिए भगवान ने शालीग्राम पत्थर के रूप में अवतार लिया और तुलसी से विवाह किया। तुलसी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।

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