उत्तर प्रदेश न्यूज 21/आल इंडिया प्रेस एसोसिएशन
अमेरिका के एक पूर्व एयर फोर्स अधिकारी ने दावा किया है कि साल 1978 में एक अमेरिकी मिलिट्री बेस के पास अंतरिक्ष से आए एलियन मार गिराया गया था. उसे गोली मारी गई थी. इस अधिकारी की ओर से बताई इस घटना पर जिक्र एक अवॉर्ड विनर खोजी पत्रकार की किताब में भी है. पत्रकार ने इस पूर्व अमेरिकी एयर फोर्स अधिकारी का इंटरव्यू लिया था, जिसमें वायु सेना के ऑफिसर ने एलियन से रूबरू होने की घटना बताई थी.

- अमेरिका के इस पूर्व वायु सेना अधिकारी का नाम है मेजर जॉर्ज फिलर . जिस पत्रकार ने यह इंटरव्यू लिया उसका नाम है जॉन एल. गुऐरा . पत्रकार की किताब का नाम है 'स्ट्रेंज क्राफ्टः द ट्रू स्टोरी ऑफ ऐन एयर फोर्स इंटेलिजेंस ऑफिसर्स लाइफ विद यूएफओ'. इस इंटरव्यू में पत्रकार जॉन ने बताया कि जब मेजर जॉर्ज वायुसेना में सीनियर ऑफिसर थे, उस समय चार साल तक अक्सर एलियन की घटनाएं होती रहीं.

- स्पुतनिक वेबसाइट के मुताबिक मेजर जॉर्ज फिलर ने गुऐरा को बताया कि 18 जनवरी 1978 को वो एक इंटेलिजेंस ब्रीफ तैयार कर रहे थे, तभी एक सीनियर मेजर सार्जेंट दौड़ते और हांफते हुए आया. उसके चेहरे का रंग उड़ा हुआ था. उसने मुझे बताया कि मैक्ग्वायर एयर फोर्स के रनवे के अंत में फोर्ट डिक्स पर एक एलियन को गोली मारी गई है. मैंने पूछा कि क्या वह एलियन किसी अन्य देश से आया है. सीनियर मेजर सार्जेंट ने कहा कि नहीं वह अंतरिक्ष से आया है.

- इसके बाद सीनियर मेजर सार्जेंट ने मेजर फिलर को बताया कि जैसे ही एलियन को गोली मारी गई. उसका एलियन स्पेस शिप अजीबो-गरीब तरह से इधर-उधर उड़ने लगा. मेजर फिलर ने बताया कि एलियन को पुलिस ऑफिसर ने गोली मारी थी. जो मिलिट्री बेस के बाहर निगरानी दौरे पर था. उसे अपनी कार के पास एक पतला और ग्रे-ब्राउन जीव दिखाई दिया, जो धरती का नहीं लग रहा था. पुलिस ऑफिसर ने एलियन को रुकने को कहा लेकिन उसने बात नहीं सुनी तो उसे गोली मार दी गई.

- इसके बाद एलियन के शरीर को ओहायो स्थित राइट पैटरसन एयरफोर्स बेस पर ले जाया गया. मेजर फिलर ने बताया कि मैंने उस घटना के सभी चश्मदीदों से बात भी की थी. सबने यही कहानी बताई. इसके बाद मैंने जब इस घटना का रिकॉर्ड बनाना चाहा तो मुझे सरकार की तरफ से मना कर दिया गया. मेजर फिलर अमेरिका के उस गैर-सरकारी प्रोजेक्ट का हिस्सा भी रहे हैं जो एलियंस पर काम करती है. इसमें मिलिट्री के और नासा के साइंटिस्ट भी शामिल हैं.

- हुआ यूं कि, पिछले महीने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने एक टास्क फोर्स बनाई. इसका मकसद ये था कि वो यह पता करे कि क्या एलियन स्पेस शिप यानी यूएफओ जैसी कोई घटनाएं हुई थीं. अब इस सिलसिले में अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी मार्क एस्पर जापानी रक्षा सचिव तारो कोनो से मिले. मार्क ने तारो के साथ इस बात पर समझौता किया कि अब दोनों देश मिलकर एलियन और उनके स्पेश शिप की खोज करेंगे. पुरानी घटनाओं की पड़ताल करेंगे.

- अमेरिका और जापान मिलकर अब एलियंस और उनके स्पेस शिप का अध्ययन करेंगे. दुनिया में किसी भी जगह ऐसी कोई गतिविधि दिखाई पड़ेगी तो उसकी जांच-पड़ताल भी करेंगे. ताकि धरती से अलग दुनिया का इतिहास और वर्तमान जाना जा सके. साथ ही ऐसी रहस्यमयी अंतरिक्षीय घटनाओं पर नजर रखी जा सके.
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