लखनऊ- के पॉश इलाके में आईएएस अफसर अनुराग तिवारी की लाश मिलने के मामले में सीबीआई विशेष अदालत ने दोबारा जांच का आदेश दिया है।इससे पहले सीबीआई ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर कहा था कि ये हादसा था।हत्या या आत्महत्या के साक्ष्य नहीं मिले हैं।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आईएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी है।कोर्ट ने मामले में सीबीआई को दोबारा विवेचना के आदेश दिए हैं।मामले में अनुराग के भाई मयंक ने प्रोटेस्ट अर्जी दाखिल की थी और आरोप लगाया था कि सीबीआई जांच में महत्वपूर्ण फॉरेंसिक तथ्यों को नजरअंदाज किया गया है।
सीबीआई ने पिछले साल फरवरी में दाखिल की थी क्लोजर रिपोर्ट
बता दें अनुराग तिवारी कर्नाटक कैडर के आईएएस थे।लखनऊ में वीआईपी गेस्ट हाउस के बाहर उनका शव मिला था।पिछले साल 19 फरवरी को दाखिल क्लोजर रिपोर्ट में सीबीआई ने आईएएस अनुराग की मौत को अचानक सड़क पर गिरने से होना बताया था और रिपोर्ट में कहा था कि उनकी मौत की जांच में हत्या या आत्महत्या का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
अनुराग के भाई मयंक ने 16 सितंबर काे दाखिल की प्रोटेस्ट अर्जी
वहीं मामले में अनुराग के भाई मयंक तिवारी ने 16 सितंबर को अदालत में प्रोटेस्ट अर्जी दाखिल की और सीबीआई की थ्योरी पर सवाल खड़े किए. उन्होंने सीबीआई पर विवेचना में कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया. साथ ही मांग की कि इस मामले की जांच किसी एसपी स्तर के अफसर से कराई जाए।
सड़क पर मिली थी अनुराग तिवारी की लाश
बता दें 17 मई, 2017 की सुबह लखनऊ के पॉश इलाके मीराबाई मार्ग पर सड़क किनारे अनुराग तिवारी की लाश मिली थी।वो 2 दिन से स्टेट गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे।उनके भाई मयंक तिवारी ने 25 मई, 2017 को अनुराग तिवारी की मौत के इस मामले में थाना हजरतगंज में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।उन्होंने एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया था। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।

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