उत्तर प्रदेश न्यूज 21
बचत अभिकर्ता के गायब होने से मचा हडकम्प
सोमवार सुबह वाइक से निकले मनोज दुबे का अब तक सुराग नहीं
दिबियापुर:स्थानीय बाबू दयाराम नगर स्थित कैलाश बाग निवासी बचत अभिकर्ता मनोज दुबे के अचानक लापता होने से नगर में हड़कम्प मच गया है।सोमवार सुबह करीब दस बजे घर से निकले बचत अभिकर्ता जब देर शाम तक घर नहीं लौटे तो परिजन परेशान होकर उन्हें खोजते रहे ।पीडित पिता रामबाबू दुवे ने पुत्र की गुमशुदगी की सूचना थाना पुलिस को दी। जिस पर थाना पुलिस ने मामला दर्ज करते हुये तलाश तेज कर दी है।जानकारी के अनुसार करीब 35 वर्षीय मनोज दुबे
डाकघर ,सहारा तथा एलआईसी के वरिष्ठ अभिकर्ता थे। बताते हैं कि सहारा इण्डिया में भुगतान बंद हो जाने से कई खाताधारको को उन्होनें अपने पास से रुपया दिया था।जिससे उनकी बाजार में देनदारी भी बढ़ गयी थी। उनके अचानक लापता होने से मंगलवार को सम्वधित खातेदार उनके आवास तथा दिबियापुर डाकघर शाखा पहुंचे।इस सम्वन्ध में डाकघर के पोस्ट मास्टर अख्तर अली ने बताया कि मनोज दुबे के करीब चार सैकड़ा आवर्ती खाता उनकी शाखा में संचालित हैं। जिसमें लगभग सात लाख रुपये प्रतिमाह जमा होता है।उन्होंने बताया कि चालू अगस्त माह में अभी उनकी ऐजेन्सी के खातों में धनराशि जमा नहीं हुयी है।उन्होने बताया कि आज तक लापता एजेण्ट के खिलाफ किसी तरह की शिकायत नहीं आयी है।
डाकघर ,सहारा तथा एलआईसी के वरिष्ठ अभिकर्ता थे। बताते हैं कि सहारा इण्डिया में भुगतान बंद हो जाने से कई खाताधारको को उन्होनें अपने पास से रुपया दिया था।जिससे उनकी बाजार में देनदारी भी बढ़ गयी थी। उनके अचानक लापता होने से मंगलवार को सम्वधित खातेदार उनके आवास तथा दिबियापुर डाकघर शाखा पहुंचे।इस सम्वन्ध में डाकघर के पोस्ट मास्टर अख्तर अली ने बताया कि मनोज दुबे के करीब चार सैकड़ा आवर्ती खाता उनकी शाखा में संचालित हैं। जिसमें लगभग सात लाख रुपये प्रतिमाह जमा होता है।उन्होंने बताया कि चालू अगस्त माह में अभी उनकी ऐजेन्सी के खातों में धनराशि जमा नहीं हुयी है।उन्होने बताया कि आज तक लापता एजेण्ट के खिलाफ किसी तरह की शिकायत नहीं आयी है।
पूरे परिवार की जिम्मेदारी मनोज के कंधों पर
मूल रुप से पड़ोसी गाँव सेहुद निवासी रामबाबू दुबे स्थानीय बेला रोड़ स्थित मिडिल स्कूल में सहायक अध्यापक थे।सेवानिवृति होने केबाद वह अपने दोनों पुत्रों कृष्ण कुमार और मनोज के साथ नहर पटरी कैलाश बाग में मकान बनवाकर रहने लगे।बड़े पुत्र कृष्ण कुमार को किडनी की असाध्य बीमारी तथा आपरेशन से मनोज की जिम्मेदारी और बढ़ गयी।बाद में मनोज के इकलौते पुत्र के भी दिल में छेद की बीमारी हुयी।दो वर्ष पूर्व पलवल हरियाणा में आपरेशन भी सफल रहा। इसवर्ष मनोज ने फरवरी माह में अपनी भतीजी की भी शादी की थी।अपने अलावा भाई के परिवार तथा बृद्ध माता पिता की देख रेख के साथ मनोज समाजिक कामों में बढ़ चढ़ कर भागीदारी निभाते थे।उनके अचानक गायब होने से पूरे नगर में चर्चाओं का बाजार गरम है।दिनभर गली कूचों तक सिर्फ लापता मनोज की चर्चा चलती रही।

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