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वर्षा रानी ! वर्षा रानी....... कविता पढ़कर राह जाएंगे आप तंग पढ़े उत्तरप्रदेश न्यूज़21 में

*वर्षा रानी*
वर्षा रानी ! वर्षा रानी !
सच्चा  स्वागत   तेरा ।
झूम के बरसो,घूम के बरसो,
नाच  उठे  मन  मेरा।।
कह तो पलक बिछा पथ तेरे,
मैं तुझको दिखला दूं।
कितना प्रेम हुआ है तुझसे,
तुझको  ये  बतला दूं।।
तरस रहा हूँ मैं मिलने को,
खड़ा  झुकाए  चेहरा ।
लाज शरम को छोड़ के आओ
करो प्रात की संध्या बेरा।।
आज खुशी से पागल होकर,
मैं  तन  नोच  रहा  हूँ।
बहुत दिनों के बाद मिली हो,
खूब नहा लूं सोच रहा हूँ।।
        -घनश्याम सिंह
        त्रिभाषी रचयिता

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