कोरोना वायरस के इलाज के लिए पहली खाने वाली दवा को मिली मंजूरी, कीमत 103 रुपये प्रति टैबलेट होगी
उत्तर प्रदेश न्यूज21ब्यूरो रिपोर्ट
(प्रतीकात्मक तस्वीर)कोरोना के इलाज में ये पहली खाने वाली दवा
कंपनी के चेयरमैन का बयान
ग्लेमार्क फार्मास्युटिल्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ग्लेन सल्दान्हा ने कहा, ‘‘यह मंजूरी ऐसे समय मिली है जबकि भारत में कोरोना वायरस के मामले पहले की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहो हैं. इससे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली काफी दबाव में है.’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि फैबिफ्लू जैसे प्रभावी इलाज की उपलब्धता से इस दबाव को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी.
गौरतलब है कि कोरोना के इलाज के दौरान इससे पहले रेमडेसिविर और दूसरी दवाइयों का इस्तेमाल किया गया. लेकिन फैबिफ्लू पहली ऐसी दवा है जिसे खाया जा सकेगा. रेमडेसिविर के अलावा डेक्सामेथासोन नाम की दवा के भी कुछ अच्छे नतीजे सामने आए थे. डेक्सामेथासोन एक तरह का स्टेरेयॉड है. ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्च में इस दवा के कुछ अच्छे नतीजे सामने आए थे.
अब फैबिफ्लू दवा को मंजूरी मिल गई है. अब देखना होगा कि ये दवा कोरोना संकट में किस तरह से मदद कर पाती है? अगर ये दवा वायरस से लड़ने में मददगार साबित होती है तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जल्द सफलता मिलने की उम्मीद जगेगी.
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