उत्तर प्रदेश न्यूज़21
ये तेरा कोरोना. ये मेरा करोना. इस बहस में अभी तक तो सिर्फ ब्लेम गेम चल रहा था. अमेरिका और चीन में असली लड़ाई तो अब शुरू होने जा रही है. कायदे से देखें तो फिलहाल चीन बैकफुट पर है और कोरोना वायरस के मामले में खुद को डिफेंड कर रहा था. वहीं अमेरिका लगातार उसपर दबाव बनाता जा रहा है.
कोरोना को लेकर चीन और अमेरिका एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं
चीन को लेकर गुस्से में हैं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंपपूरी दुनिया को चीन के खिलाफ करने की कोशिशचीन पर कई तरह के प्रतिबंध लगा सकता है US
अभी तक दो विश्व युद्ध हुए हैं और उनका भयंकर अंजाम दुनिया देख चुकी है. अब अगर कहीं कोरोना चीनी साजिश ही निकला तो नतीजा खौफनाक होगा. हालांकि कोरोना के कहर से जूझती दुनिया क्या ऐसे वक्त में जंग का बोझ उठा पाएगी, ये बड़ा सवाल है. लिहाज़ा कई जानकार ये भी कह रहे हैं कि सीधी जंग ना हो तब भी अमेरिका चीन से हिसाब चुकता जरूर करेगा. क्योंकि चीन से निकले कोरोना ने सबसे ज्यादा जख्म अमेरिका को ही दिए हैं. पर अमेरिका हिसाब चुकता करेगा कैसे?
इन दिनों चीन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का गुस्सा और जलन सातवें आसमान पर है. कोरोना के बहाने वो इसका खुलकर इज़हार कर रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप चीन को घेरने का कोई भी मौका जाने नहीं देना चाह रहे हैं. यूं भी पहली बार उन्हें एक ऐसी वजह मिली है जिससे वो पूरी दुनिया को चीन के खिलाफ खड़ा कर सकते हैं.
चीन भी कोरोना के मामले में ऐसा फंसा है कि उसे इससे बच निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है. अमेरिका ने साफ तौर पर कह दिया है कि चीन को कोरोना की कीमत चुकानी पड़ेगी. इतना ही नहीं ट्रंप प्रशासन ने तो चीन को सबक सिखाने के लिए पूरी योजना तैयार कर ली है. और तो और अमेरिका प्रशासन चीन से कोरोना की कीमत वसूलने के लिए और उसे घेरने के लिए विकल्पों की तलाश भी कर रहा है.
ये तेरा कोरोना. ये मेरा करोना. इस बहस में अभी तक तो सिर्फ ब्लेम गेम चल रहा था. अमेरिका और चीन में असली लड़ाई तो अब शुरू होने जा रही है. कायदे से देखें तो फिलहाल चीन बैकफुट पर है और कोरोना वायरस के मामले में खुद को डिफेंड कर रहा था. वहीं अमेरिका लगातार उसपर दबाव बनाता जा रहा है. डब्लूएचओ ने मामले को ठंडा करने की कोशिश की थी. मगर अमेरिका ने उसकी फंडिंग बंद करने की धमकी देकर उसे चुप करा दिया. अमेरिका का इतिहास रहा है कि उसने किसी देश पर चढ़ाई के लिए दोष साबित होने का इंतज़ार कभी नहीं किया.
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लिहाज़ा इस मामले में भी ट्रंप प्रशासन चीन को कई फ्रंट पर ऐसा दंड देने की प्लानिंग कर रहा है. जो उसे लंबे वक्त तक सालता रहेगा. चीन को कोरोना की तबाही के लिए सबक सिखाने की ये स्ट्रैटेजी अमेरिका की इंटेलिजेंस कम्युनिटी बना रही है. जो फिलहाल कोरोना वायरस के फैलने को लेकर तमाम रिसोर्सेस को इकट्ठा कर रही है. ताकि चीन को चारों तरफ से घेरने की रणनीति तैयार की जा सके.
पहले तो ये समझिए कि आखिर ये यूएसआईसी यानी यूनाइटेड स्टेट इंटेलीजेंस कम्यूनिटी है क्या? दरअसल अमेरिका की तमाम एजेंसियों का एकीकृत यानी इंटीग्रेटेड रूप है यूनाइटेड स्टेट इंटेलीजेंस कम्यूनिटी. जिसमें काफी सारी एजेंसीज़ का डेटा कलेक्ट किया जाता है. ये तमाम अमेरिकी एजेंसियां अलग से तो काम करती ही हैं. लेकिन फॉरेन पॉलिसी और नेशनल सिक्युरिटी के मामलों में साथ मिलकर भी काम करती हैं. ये एक काफी बड़ा ग्रुप है. इसमें कई अमेरिकी एजेंसियां शामिल हैं. उन तमाम एजेंसियों के हेड इस इंटेलीजेंस कम्यूनिटी का हिस्सा होते हैं.
चीन के खिलाफ इस रणनीति की शुरुआत हुई अमेरिका के विदेशमंत्री माइक पॉम्पियो के उस बयान से जिसमें उन्होंने कहा कि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी को इस पूरे के पूरे एपिसोड के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी होगी. मुमकिन है कि पूरी दुनिया चीन से पैसा ना मांगे लेकिन हम तो चीन से इसका हर्जाना वसूल कर रहेंगे. यही नहीं कोरोना वायरस से अमेरिका में मची तबाही को लेकर कई सांसद तो चीन पर हमले की मांग तक कर चुके हैं.
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