उत्तर प्रदेश न्यूज 21
औरैया(विधूना): ग्राम पंचायत ताजपुर में चारागाह की भूमि पर प्रधान द्वारा जेसीबी से सुरक्षा नाली की खोदाई करवाना महंगा पड़ गया। प्रशासन ने इस कार्य को श्रमदान घोषित करते हुए भुगतान पर रोक लगाई है।
ग्राम प्रधान सत्यवती ने पुरवाकद्रा में चारागाह की भूमि के आसपास सुरक्षा नाली बनवायी थी, लेकिन यह कार्य मजदूरों की जगह जेसीबी से कराया गया। पूर्व प्रधान व ग्रामीणों ने बीडीओ व एसडीएम को रात में जेसीबी से काम कराए जाने की सूचना दी। जांच में खंड विकास अधिकारी के एल सोनकर ने इसकी पुष्टि की। पुष्टि होने पर प्रशासन ने कार्य को श्रमदान घोषित कर भुगतान स्थगित कर दिया। हालांकि प्रधान सत्यवती का कहना है,कि जेसीबी से कार्य कराए जाने की बात निराधार है। बीडीओ के मुताबिक मनरेगा गाइड लाइन के विरुद्धकिए गए कार्य का भुगतान किसी भी दशा में नहीं किया जाएगा। चुकीं 146 शौचालयों की जांच शुरू हुई थी।
ग्राम पंचायत ताजपुर बिधूना की प्रधान सत्यवती द्वारा पिछले कार्यकाल में भी 146 शौचालयों के फर्जी निर्माण की जांच सहायक विकास अधिकारी पंचायत को सौंपी गई है। ग्राम प्रधान ने 2005-10 के बीच कागजों पर शौचालय बनवाकर भुगतान आहरित कर लिया था। जागरण ने इस खबर को स्वच्छ भारत अभियान को झटका शीर्षक से प्रकाशित किया था। खबर प्रकाशित होने के बाद मामले की जांच दोबारा शुरू की गई है।
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